नर्स दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. 12 मई को इन्ही नर्सेज के बेहतरीन सेवा के काम को को सेलिब्रेट करने के लिए इंटरनेशनल नर्स डे मनाते है.
यह डे फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. इन्हें लेड़ी विद द लैंप' के नाम से भी जाना जाता है. फ्लोरेंस का जन्म 12 मई 1820 को इटली के टस्कनी के फ्लोरेंस में विला कोलंबिया में हुआ था.
फ्लोरेंस नर्स होने के साथ-साथ एक समाज सुधारक भी थीं. नाइटिंगेल का सबसे प्रसिद्ध योगदान क्रीमियन युद्ध के दौरान था.युद्ध के दौरान उन्होंने जिस तरह से काम किया, उस काम की सराहना लोग आज भी करते हैं.
नर्सिंग की दुनिया में फ्लोरेंस के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता. नर्सिंग के फील्ड में उनके नाम पर मेडल दिया जाता है जिसे 'फ्लोरेंस नाइटिंगेल मेडल' के नाम से जाना जाता है.
ऐसा कहा जाता है कि वो वो रात के अंधेरे में लैंप लेकर घायल सैनिकों का इलाज और सहायता करने के लिए निकलती थीं.युद्ध के दौरान हजारों सैनिक इन्फेक्शन और टाइफाइड , हैजा और पेचिश से मर रहे थे. उनकी सेवा से लोग काफी संख्या में ठीक होने लगे थे. इस सराहनीय काम से फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने हज़ारों महिलाओं को नर्सिंग जैसे उत्तम सेवा के लिए प्रेरित किया
नाइटिंगेल की मृत्यु 90 वर्ष की आयु में 13 अगस्त 1910 को लंदन में हुई.
इस साल की थीम है - हमारी नर्सें, हमारा भविष्य, देखभाल की आर्थिक शक्ति (Our Nurses. Our Future. The economic power of care)
नर्सों को धन्यवाद दें उनके शानदार काम के लिए, उनके लिए कार्ड या पोस्टर बनाएं, अगर आपके घर या जानकार कोई नर्स है तो कभी कभी उन्हें फुट मसाज दे सकते है क्योंकि पूरा दिन खड़े होकर वो जो काम करती है वो थकाने वाला होता है.
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