सुसाइड बॉम्बिंग का मास्टर, मोसाद के जहर से भी नहीं मरा... अब ये शख्स बन सकता है हमास का नया चीफ!

Hamas New Chief: हमास के चीफ इस्माइल हानिया की मौत हो गई है. अब खालिद मशाल हमास का नया बॉस बन सकता है. वह इजराइल से बातचीत का समर्थक रहा है. इस्माइल हानिया को इजराइल ने मारने की भी कोशिश की थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 1, 2024, 08:07 AM IST
  • इजराइल ने दिया था जहर का इंजेक्शन
  • सुसाइड बॉम्बिंग का मास्टर है खालिद
सुसाइड बॉम्बिंग का मास्टर, मोसाद के जहर से भी नहीं मरा... अब ये शख्स बन सकता है हमास का नया चीफ!

नई दिल्ली: Hamas New Chief: हमास चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) की ईरान की राजधानी तेहरान में मौत हो गई है. वह यहां ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने आया था. तेहरान स्थित उसके आवास पर ही उसकी हत्या हुई, एक गार्ड भी मारा गया. इस्माइल हानिया की मौत के बाद हर किसी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि हमास का नया चीफ कौन होगा? अब एक नाम सामने आया है, जो हमास की जिम्मेदारी संभाल सकता है.  

कौन है खालिद मशाल? (Who is Khaled Mashal)
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुतबिक, इस्माइल हानिया के जाने के बाद अब खालिद मशाल हमास का नया चीफ बन सकता है. खालिद मशाल हमास पोलित ब्यूरो के संस्थापक सदस्यों में से एक है. वह 2017 तक इसका अध्यक्ष भी रहा. खालिद का जन्म  1956 में वेस्ट बैंक के सिलवाड शहर में हुआ था. वह कुवैत और जॉर्डन में बड़ा हुआ. खास बात ये है कि वह गाजा में नहीं रहा. जॉर्डन, सीरिया, कतर और मिस्र से ही काम करता रहा है. मशाल की कुल संपत्ति 4 बिलियन डॉलर है. 

इजराइल ने दिया था जहर का इंजेक्शन
खालिद मशाल अप्रैल, 2021 से हमास के प्रवासी कार्यालय यानी विदेश मंत्रालय का जिम्मा देख रहा है. वह इस्माइल हानिया के बाद हमास का दूसरा सबसे ताकतवर नेता है. 1997 में इजरायल ने खालिद मशाल की हत्या का प्रयास किया. इससे जॉर्डन और इजरायल के बीच विवाद भी हुआ था. इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के दो एजेंट कनाडा का नकली पासपोर्ट बनवाकर जॉर्डन गए थे. यहां उन्होंने हमास के ऑफिस के बाहर मशाल की गर्दन पर जहर से भरा एक इंजेक्शन लगा दिया.मशाल तब कोमा चला गया था. 

सुसाइड बॉम्बिंग का मास्टर
खालिद मशाल को सुसाइड बॉम्बिंग का मास्टर माना जाता है. 1994 में हमास की स्थापना के बाद लड़ाकों ने सुसाइड बॉम्बिंग की शुरुआत की. इसके पीछे खालिद मशाल का ही माइंड था. 

बातचीत का समर्थक
हमास के बाकी नेताओं की तरह खालिद मशाल इजराइल को लेकर कट्टर नहीं है. वह बातचीत का समर्थक है. मशाल इजरायल और फिलिस्तीन के बीच सह-अस्तित्व के सिद्धांत को सपोर्ट करता है. खालिद एक बार कह चुका है कि जब हम अधिक ताकतवर होंगे और इजरायल को झुकाने के काबिल हो जाएंगे, तब किसी नेगोशिएशन पर बात होगी.

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