नई दिल्ली: Sheikh Hasina Bangladesh: बांग्लादेश में चौथी बार शेख हसीना प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं. उन्होंने आम चुनाव में दो-तिहाई सीटों पर जीत दर्ज की है. बांग्लादेश के इतिहास में यह पहल चुनाव है, जिसमें केवल 40 प्रतिशत मतदान हुआ. शेख हसीना की सत्ता में वापसी भारत के लिए फायदेमंद बताई जा रही है.
विरोधी दल पाकिस्तान के पक्ष का
हसीना के विरोधी दल BNP को भारत के खिलाफ माना जाता है. इसकी नेता बेगम खालिदा जिया पाकिस्तान के करीबी माने जाते हैं. माना जाता है कि BNP के पहले के दो शासनकाल भारत के लिए ठीक नहीं रहे थे. इस दौरान बांग्लादेश की सरकार ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का खूब सहयोग किया था. यह भारत के लिए ठीक साबित नहीं हुआ.
भारतीय एजेंसियों को मिलेगा सहयोग
जब-जब शेख हसीना सत्ता में रही हैं, भारत को बांग्लादेश की सरकार से भरपूर सहयोग मिला है. 1996 से 2001 के बीच और फिर 2009 के बाद से शेख हसीना की सरकार के दौरान भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बांग्लादेश से कम्युनिकेट करना आसान हुआ है. बांग्लादेश में भी भारत विरोधी गतिविधियों पर काफी हद तक रोक लगी है.
चीन का हस्तक्षेप नहीं बढ़ेगा
बांग्लादेश में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को देखकर भारत पहले से ही चिंतित है. ऐसे के शेख हसीना हार जाना काफी नुकसानदायक हो सकता था. हसीना चीन की बजाय भारत को अधिक तरजीह देती रही हैं. बांग्लादेश भारत के मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम और पश्चिम बंगाल राज्य से सीमा साझा करता है. ऐसे में पड़ोसी देश के नेता के करीबी होने से सीमा सुरक्षा में भी फायदा मिलता है.
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