Russia Presidential Election में पुतिन को टक्कर दे रहे ये 3 नेता, जानें इनका एजेंडा...

Russia Presidential Election Candidates: रूस में 17 मार्च तक राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग होनी है. इस चुनाव में पुतिन को तीन उम्मीदवार टक्कर दे रहे हैं. इनमें लियोनिद स्लटस्की, व्लादिस्लाव दावानकोव और निकोलाई खारितोनोव शामिल हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 15, 2024, 04:41 PM IST
  • पुतिन की जीत करीब-करीब तय
  • चार बार से चुनाव जीत रहे पुतिन
Russia Presidential Election में पुतिन को टक्कर दे रहे ये 3 नेता, जानें इनका एजेंडा...

नई दिल्ली: Russia Presidential Election Candidates: रूस में आज (15 मार्च, 2024) को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. वोटिंग तीन दिन यानी 17 मार्च तक चलेगी. इस चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जीत करीब-करीब तय मानी जा रही है. बीते चार चुनाव से पुतिन लगातार जीतते आ रहे हैं. 25 साल में पुतिन ने रूस में ऐसा तंत्र खड़ा कर लिया है, जिससे उन्हें कोई भी चुनाव नहीं हरा सकता. हालांकि, पुतिन के सामने तीन प्रत्याशी मैदान में हैं, जो उन्हें हराने का दावा कर रहे हैं. 

पुतिन से इनकी टक्कर

1. लियोनिद स्लटस्की (Leonid Slutsky) : लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDPR) के लियोनिद स्लटस्की साल 2000 से स्टेट ड्यूमा के सदस्य हैं. इनकी उम्र करीब 56 साल है. स्लटस्की पर घोटालों के कई आरोप लग चुके हैं. साल 2018 में उन पर पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे. इनका एजेंडा है रूस-यूक्रेन युद्ध में जल्द से जल्द रूस को जीताना.

2. व्लादिस्लाव दावानकोव (Vladislav Davankov) : न्यू पीपल पार्टी के व्लादिस्लाव दावानकोव की उम्र करीब 40 साल है. दावानकोव साल 2021 से स्टेट ड्यूमा के  वाईस प्रेसिडेंट हैं. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान यूक्रेन के साथ शांति की स्थापित करने की बात कही. साथ ही, पश्चिमी देशों से सहज संबंध बनाने की बात कही. दावानकोव ने एकशांतिपूर्ण देश बनाने का वादा किया है. 

3. निकोलाई खारितोनोव (Nikolay Kharitonov) : कम्युनिस्ट पार्टी के निकोलाई खारितोनोव चुनाव में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं. वे साल 1993 से राज्य ड्यूमा के सदस्य हैं. निकोलाई ने साल 2004 में भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था. खारितोनोव का एजेंडा कम उम्र के लोगों को भी पेंशन देना, पेंशन की अमाउंट बढ़ाना, वर्ल्ड ट्रेड ऑरगेनाइजेशन और IMF जैसी संस्थाओं से रूस को अलग करना. निकोलाई का मानना है कि IMF और WTO जैसी संस्थान रूस की आर्थिक ताकत कम कर रही हैं. 2004 में निकोलाई को राष्ट्रपति चुनाव 13% वोट ही मिले थे. 

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