बांग्लादेश का 'मनमोहन सिंह' कहा जाता है ये नेता, लेकिन नहीं रही डॉक्टर साहब जैसी निर्विवाद छवि!

Muhammad Yunus and Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है. मनमोहन के द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भारत उन्हें याद रखेगा. मनमोहन जितनी ही आर्थिक समझ एक बांग्लादेशी नेता में भी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 28, 2024, 01:50 PM IST
  • मुहम्मद यूनुस जीत चुके नोबेल प्राइज
  • यूनुस की मनमोहन से होती है तुलना
बांग्लादेश का 'मनमोहन सिंह' कहा जाता है ये नेता, लेकिन नहीं रही डॉक्टर साहब जैसी निर्विवाद छवि!

इकॉनमी के जानकार यूनुस
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस नामी आर्थशास्त्री रहे हैं. उन्हें बांग्लादेश का 'मनमोहन सिंह' भी कहा जाता है. मनमोहन सिंह की तरह मुहम्मद यूनुस भी इकॉनमी के जानकार हैं. मनमोहन सिंह PM रहे, वैसे ही यूनुस भी अंतरिम सरकार के सर्वेसर्वा हैं. मनमोहन सिंह की खास बात ये है कि दूसरे दलों के नेता भी उनके बारे में बुरा नहीं कहते. लेकिन यूनुस की खूब आलोचना होती है. देश ही नहीं, विदेश में भी मुहम्मद यूनुस की छवि विवादों में है.

मनमोहन ने आर्थिक सुधार किए, यूनुस ने लोगों को गरीबी से निकाला
भारत के पूर्व PM मनमोहन सिंह को आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाता है. जब पूरी दुनिया मंदी की चपेट में थी, तब डॉक्टर साहब के प्रयासों के कारण भारत में आर्थिक विकास नहीं रुका. इसी तरह मुहम्मद यूनुस को भी बांग्लादेश के हजारों लोगों को गरीबी से बाहर लाने का श्रेय मिलता रहा है. मुहम्मद यूनुस ने उन ग्रामीणों को 10 डॉलर उधार दिए, जिन्हें बैंक भी कभी कर्ज नहीं देता था. ये एक मुहीम बनी और बांग्लादेश ग्रामीण बैंक की स्थापना हुई.

नोबेल से सम्मानित हो चुके यूनुस
हजारों परिवारों को गरीबी से बाहर लाने के लिए मुहम्‍मद युनूस को नोबेल प्राइज भी मिला. दरअसल, बांग्लादेश ग्रामीण बैंक की स्थापना के बाद गरीबों को कर्ज मिला, इस पैसे से उन्होंने रोजगार शुरू कर दिया. यूनुस के इस काम ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा. यही कारण है कि साल 2006 में यूनुस को नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया.

विवादों में रहे यूनुस
मुहम्मद यूनुस की छवि बेदाग नहीं है. उन्होंने दुनियाभर से दान में रुपये लिए, लेकिन उन्होंने टैक्स नहीं चुकाया. इस कारण बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने यूनुस पर 10 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया. यूनुस समेत ग्रामीण बैंक के 3 कर्मचारियों को 6 महीने जेल की सजा सुनाई गई. यूनुस पर श्रम कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप भी लगा. यूनुस को अब भारत विरोधी माना जा रहा है, क्योंकि वे लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. पाकिस्तान से यूनुस करीबियां बढ़ा रहे हैं.

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