लंदन: इंसानों के पहुंचने से पहले ही मंगल ग्रह पर कचरे का ढेर लग गया है. पिछले 50 सालों में इंसानों ने मंगल ग्रह पर 15,000 पाउंड (7,119 किलोग्राम)) से अधिक कचरा छोड़ा है. जबकि एक भी व्यक्ति ने कभी लाल ग्रह पर पैर नहीं रखा है. इनमें से ज्यादातर कचरा बेकार हार्डवेयर, बेकार सैटेलाइट और मृत अंतरिक्ष यान का है. वहीं कई यान मंगल की सतह पर दुर्घटना ग्रस्त हो चुके हैं.
कैसे लगा अनुमान
वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय में रोबोटिक्स में पोस्टडॉक्टरल रिसर्च फेलो कैग्री किलिक ने मंगल पर भेजे गए सभी रोवर्स और ऑर्बिटर्स के द्रव्यमान का विश्लेषण किया और वर्तमान में संचालन में मौजूद वजन को घटाया, जिसके परिणामस्वरूप 15,694 पाउंड मलबा निकला.
क्या है इस कचरे में
कचरे में छोड़े गए हार्डवेयर, निष्क्रिय अंतरिक्ष यान और सतह पर दुर्घटनाग्रस्त होने वाले - विशेष रूप से सोवियत संघ के मार्स ऑर्बिटर 2 शामिल हैं, जिन्होंने 1971 में क्रैश लैंडिंग की थी. अधिकांश कचरा अपरिहार्य है, क्योंकि अंतरिक्ष यान की रक्षा के लिए कई हिस्सों को त्यागना पड़ता है क्योंकि यह लाल ग्रह के वातावरण में घुसने से पहले क्षतिग्रस्त हो जाता है.
रोवर, जो मंगल ग्रह पर नमूने एकत्र कर रहा है जिसे पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा, ने ही अपने मिशन के दौरान कचरे की छवियों को कैप्चर किया है.रोवर के साथी, इनजेनिटी हेलीकॉप्टर ने भी 2021 में आगमन के दौरान उपयोग किए गए लैंडिंग उपकरण की एक छवि पकड़ी. एक पैराशूट और शंकु के आकार का बैकशेल जो अंतरिक्ष में रोवर की रक्षा करता था, इस कचरे में शामिल है. वहीं अभी हाल ही में जून में, रोवर को कटा हुआ डैक्रॉन जाल का एक टुकड़ा मिला जिसने इसे मंगल ग्रह पर सुरक्षित रूप से उतरने में मदद की. मंगल पर कई डेड रोबोट हैं, विशेष रूप से नासा के अवसर जो 2004 से 2018 के मध्य तक सक्रिय थे.
इतने निष्क्रिय यान
मंगल ग्रह पर कुल नौ निष्क्रिय अंतरिक्ष यान हैं, जिनमें मार्स 3 लैंडर, मार्स 6 लैंडर, वाइकिंग 1 लैंडर, वाइकिंग 2 लैंडर, सोजॉर्नर रोवर, यूरोपियन स्पेस एजेंसी का शिआपरेली लैंडर, फीनिक्स लैंडर, स्पिरिट रोवर और द आपर्चूनिटी रोवर.
क्या है वैज्ञानिकों को डर
वैज्ञानिकों को डर है कि मलबा नासा के पर्सवेरेंस रोवर द्वारा एकत्र किए जा रहे नमूनों को दूषित कर सकता है, जिसमें प्राचीन जीवन के संकेत हो सकते हैं. इस तरह मंगल ग्रह से धरती पर नमूने लाने का पूरा मिशन बेकार हो सकता है. इससे पता नहीं चल पाएगा कि मंगल पर कभी जीवन था या नहीं.
शोधकर्ता कैग्री किलिक के अनुसार, अधिकांश रोबोट अभी भी बरकरार हैं और अंतरिक्ष एजेंसियां उन्हें फेंके गए कचरे के बजाय ऐतिहासिक स्मारकों के रूप में देखती हैं. किलिक ने द कन्वर्सेशन में लिखा, 'जब आप मंगल पर भेजे गए सभी अंतरिक्ष यान के द्रव्यमान को जोड़ते हैं, तो आपको लगभग 22,000 पाउंड (9979 किलोग्राम) मिलते हैं. 'सतह पर वर्तमान में चल रहे शिल्प का वजन घटाएं - 6,306 पाउंड (2,860 किलोग्राम) - और आपके पास मंगल ग्रह पर 15,694 पाउंड (7,119 किलोग्राम) मानव मलबा बचा है.'
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