गाजा में इजरायली हमले में 17 बच्चों की मौत; एक किलकारी भी गूंजी लेकिन आपकी आंखें नम कर देगी इस नवजात की कहानी

गाजा के दक्षिणी शहर रफह में शनिवार को इजराइल के हवाई हमलों के बीच जब सबरीन जौदा ने दुनिया में पहली बार अपनी आंखें खोलीं तो तब तक उसकी मां, उसके पिता और चार वर्षीय बहन की मौत हो चुकी थी. जौदा का घर शनिवार मध्यरात्रि से पहले हुए इजराइल के हवाई हमलों की चपेट में आ गया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 22, 2024, 11:13 AM IST
  • 30 सप्ताह की गर्भवती थी सबरीन की मां
  • डॉक्टरों ने किसी तरह नवजात को बचाया
गाजा में इजरायली हमले में 17 बच्चों की मौत; एक किलकारी भी गूंजी लेकिन आपकी आंखें नम कर देगी इस नवजात की कहानी

नई दिल्लीः गाजा के दक्षिणी शहर रफह में शनिवार को इजराइल के हवाई हमलों के बीच जब सबरीन जौदा ने दुनिया में पहली बार अपनी आंखें खोलीं तो तब तक उसकी मां, उसके पिता और चार वर्षीय बहन की मौत हो चुकी थी. जौदा का घर शनिवार मध्यरात्रि से पहले हुए इजराइल के हवाई हमलों की चपेट में आ गया था. 

30 सप्ताह की गर्भवती थी सबरीन की मां

इन हमलों में सबरीन के पिता की मौत हो गई. उसकी चार वर्षीय बहन भी मारी गयी और उसकी मां भी मौत की नींद सो गयी लेकिन जब बचावकर्मियों को पता चला कि उसकी मां सबरीन अल-सकनी 30 सप्ताह की गर्भवती थी तो उसे तुरंत कुवैती अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्साकर्मियों ने उसका आपात स्थिति में ऑपरेशन कर गर्भस्थ शिशु की जान बचाई. 

डॉक्टरों ने किसी तरह नवजात को बचाया

नन्हीं-सी सबरीन सांस लेने के लिए जूझते हुए लगभग मौत के करीब ही पहुंच गयी थी. चिकित्साकर्मी उसके खुले हुए मुंह से उसे सांस देने की कोशिश कर रहे थे और आखिरकार काफी प्रयासों के बाद वह बच गई. हवाई हमलों के कुछ देर बाद रविवार को उसे नजदीकी अमीराती अस्पताल की नवजात गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया. 

'शहीद सबरीन अल-सकनी की बच्ची'

उसने एक बड़े आकार का डायपर पहना हुआ है और उसके सीने के पास लगी एक टेप पर एक कलम से उसकी पहचान लिखी गयी है : ‘शहीद सबरीन अल-सकनी की बच्ची.’ अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई के प्रमुख डॉ. मोहम्मद सलामेह ने कहा, ‘हम कह सकते हैं कि उसकी स्वास्थ्य स्थिति में थोड़ा सुधार आया है लेकिन अब भी जोखिम बना हुआ है. इस बच्ची को इस समय मां के गर्भ में होना चाहिए था लेकिन उसे इस अधिकार से वंचित कर दिया गया.’ 

बच्ची की दादी है जिंदा, बोलीं- रखूंगी ध्यान

उन्होंने उसे समय पूर्व जन्मी अनाथ लड़की बताया लेकिन वह अनाथ नहीं है. उसकी दादी अहलम अल-कुर्दी ने कहा, ‘उसका स्वागत है. वह मेरे प्रिय बेटे की बेटी है. मैं उसका ध्यान रखूंगी. वह मेरा प्यार, मेरी जान है. वह अपने पिता की याद है. मैं उसका ध्यान रखूंगी.’ इसके बाद वह अपनी छाती पीट-पीटकर मातम मनाने लगी. 

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक मारे गए 34,000 से अधिक फलस्तीनियों में कम से कम दो-तिहाई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. रफह में रात भर हुए एक और इजराइली हवाई हमले में 17 बच्चों और दो महिलाओं की मौत हो गयी.

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