नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक महिला न्यायाधीश के खिलाफ अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी पर बुधवार को ‘गहरा खेद’ व्यक्त किया, लेकिन एक बार फिर उन्होंने अदालत की अवमानना के मामले में बेशर्त माफी नहीं मांगी.
विरोधियों के खिलाफ मुकदमा करने की धमकी
गौरतलब है कि 20 अगस्त को इस्लामाबाद में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की रैली में पार्टी अध्यक्ष इमरान खान ने अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ हुए व्यवहार को लेकर पुलिस के शीर्ष अधिकारियों, निर्वाचन आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मुकदमा करने की धमकी दी थी.
गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस्लामाबाद पुलिस के अनुरोध पर गिल को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजने को मंजूरी देने वाली अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी के खिलाफ भी खान ने टिप्पणी की और कहा कि उन्हें 'तैयार रहना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.'
इमरान के खिलाफ दर्ज हो गया ये गंभीर मुकदमा
भाषण के कुछ ही घंटे बाद पुलिस, न्यायपालिका और राज्य के अन्य प्रतिष्ठानों को रैली में धमकी देने को लेकर खान के खिलाफ आतंकवाद-रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया.
इमरान खान 31 अगस्त को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय पेश हुए थे. इस दौरान अदालत ने खान को जारी कारण बताओ नोटिस पर उनके जवाब पर अप्रसन्नता जतायी. हालांकि, अदालत ने उन्हें फिर से उपयुक्त लिखित उत्तर देने का अवसर भी दिया.
महिला जज को निशाना नहीं बनाना चाहते थे इमरान
पूरक जवाब में खान ने कहा कि उन्होंने टिप्पणी 'जानबूझकर नहीं की थी और वह महिला न्यायाधीश को निशाना नहीं बनाना चाहते थे, वह उनकी बहुत इज्जत करते हैं.' खान ने कहा कि उनकी मंशा 'उनकी (न्यायाधीश की) भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कभी नहीं थी और अगर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उन्हें इसे लेकर गहरा खेद हैं.'
इसे भी पढ़ें- खत्म नहीं हो रही हैं ममता के खास अनुब्रत मंडल की मुसीबतें, कोर्ट ने दिया एक और झटका
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.