नई दिल्ली: पूर्व पाक पीएम इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अर्थव्यवस्था के बारे में अपनी टिप्पणियों को लेकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इमरान खान की अर्थव्यवस्था की समझ सीमित है.
'पाकिस्तान को दिवालिया बनाना चाहते थे इमरान'
शरीफ ने एक ट्वीट में कहा, इमरान खान आर्थिक चुनौतियों को गहराने में अपनी भूमिका को आसानी से भूल जाते हैं. आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) सौदे को खत्म करने से लेकर, उन्होंने हमेशा पाकिस्तान को डिफॉल्ट करने की कामना की है. उनके लॉन्ग मार्च व धरना-प्रदर्शन का अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है.
जियो न्यूज ने बताया कि खान द्वारा दावा किए जाने के घंटों बाद उनकी टिप्पणी आई कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है. इंटरबैंक और खुले बाजारों के बीच बढ़ती खाई की ओर इशारा करते हुए, खान ने कहा कि अर्थव्यवस्था के डॉलरकरण का मतलब है कि कोई स्थानीय या विदेशी निवेश नहीं है.
आर्थिक मंदी से जूझ रहा है पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान
सवाल यह है कि आखिर कैसे पाकिस्तानी प्रतिष्ठान देश को पूरी तरह से आर्थिक मंदी की ओर बढ़ने दे रहे हैं? जियो न्यूज की सूचना दी कि अपने पूर्ववर्ती के दावों का जवाब देते हुए, शरीफ ने कहा कि खान ने निवेशकों के लिए जानबूझकर एक अस्थिर वातावरण बनाया, खासकर 9 मई को पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद कई दिनों तक चलने वाले हिंसक दंगों के बाद, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया.
प्रधानमंत्री ने कहा, अकेले 9 मई की घटनाओं ने अर्थव्यवस्था को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचाया है और यह उनके नापाक मंसूबों का साक्ष्य है. यह स्वीकार करते हुए कि पाकिस्तान को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, शरीफ ने कहा कि देश में संकट का दिन बीत चुका है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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