अगर चिंपांजी और बिल्लियों से हुई इंसानों की लड़ाई, जानें किसकी होगी जीत...

10 प्रतिशत ब्रितानियों को लगता है कि वे चिंपैंजी से लड़ सकते हैं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी संभावना नहीं है. इंसान चिंपांजी से लड़कर जीत नहीं सकता है. इस सर्वेक्षण का मकसद यह जानना था कि लोग कितने बहादुर हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 27, 2022, 12:18 PM IST
  • 10 में से 1 ब्रितानियों को लगता है कि वे चिंपैंजी से लड़ सकते हैं
  • 67 प्रतिशत ब्रिटिश लोगों का मानना ​​था कि वे चूहे से लड़ सकते हैं
अगर चिंपांजी और बिल्लियों से हुई इंसानों की लड़ाई, जानें किसकी होगी जीत...

लंदन: हाल के दिनों में भारत में कई राज्यों में कुतों ने इंसानों को काटा और उनकी जान ली है, जिससे बाद बहस चल रही है कि क्या डॉगी इंसानों के लिए खतरा हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया के दूसरे देशों में जानवरों को लेकर ऐसा ही डर है. ब्रिटेन में हुए हालिया पोल में लोगों ने कहा है कि वे चिंपांजी, चूहों और बिल्लियों से लड़ सकते हैं. पर कई लोग इन जानवरों से बुरी तरह डरे हुए हैं. इस सर्वेक्षण का मकसद यह जानना था कि लोग कितने बहादुर हैं. 

10 प्रतिशत ब्रितानियों को लगता है कि वे चिंपैंजी से लड़ सकते हैं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी संभावना नहीं है. इंसान चिंपांजी से लड़कर जीत नहीं सकता है. मंकी सैंक्चुअरी के मालिक जान गारेन ने कहा कि उन्हें 'कोई मौका नहीं मिलेगा'. चिंपांजी आपकी आंखों और हाथ पर हमला कर आपको हरा देगा. 

चूहों और बिल्लियों से भी डरते हैं लोग
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक 67 प्रतिशत ब्रिटिश लोगों का मानना ​​था कि वे चूहे से लड़ सकते हैं. लेकिन बाकी उनसे डरते हैं. वहीं ब्रिटेन के एक तिहाई लोगों को लगता है कि एक बिल्ली उन्हें हरा सकती है. यह स्पष्ट नहीं है कि अन्य 33 प्रतिशत ने कैसे सोचा कि वे सर्वश्रेष्ठ होंगे.

अमेरिका वाले ज्यादा बहादुर
YouGov सर्वेक्षण के अनुसार अमेरिकी और भी बहादुर हैं. 61 फीसदी अमेरिकियों ने कहा कि वे जानवरों से लड़ जाएंगे. ब्रिटेन और अमेरिकियों को 15 प्रजातियों के मुकाबले अपने अवसरों का मूल्यांकन करने के लिए कहा गया था. ब्रिटिश बहुत कम आत्मविश्वासी थे -

महिलाएं मगरमच्छ से लड़ने को तैयार
जबकि कम से कम 5 प्रतिशत अमेरिकी महिलाओं ने कहा कि वे मगरमच्छ, हाथी, गोरिल्ला और ग्रिजली भालू से लड़ सकती हैं. 5 प्रतिशत से भी कम ब्रिटिश पुरुषों ने ऐसा ही कहा. दोनों देशों ने जानवरों को खतरे के एक ही क्रम में रखा: चूहा, बिल्ली, हंस, मध्यम आकार का कुत्ता, चील, बड़ा कुत्ता, चिंपैंजी, किंग कोबरा, कंगारू, जंगली, मगरमच्छ, गोरिल्ला, शेर, हाथी और घड़ियाल भालू.

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