लाखों में सैलरी, वार जोन में मौत से पहले परिवार से बात... जानें हेमिल कैसे पहुंचे थे रूस

रूस में कमाने गए गुजरात के एक 23 वर्षीय युवक की वार जोन में मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सूरत के रहने वाले हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की यूक्रेन में मौत हो गई. उसे हेल्पर के रूप में कंपनी में नियुक्ति मिली थे लेकिन कहा जा रहा है कि बाद में उसे लड़ने के लिए वार जोन में भेज दिया गया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 26, 2024, 01:27 PM IST
  • मौत से पहले परिवार से की थी बात
  • हेल्पर की नौकरी करते थे हेमिल
लाखों में सैलरी, वार जोन में मौत से पहले परिवार से बात... जानें हेमिल कैसे पहुंचे थे रूस

नई दिल्लीः रूस में कमाने गए गुजरात के एक 23 वर्षीय युवक की वार जोन में मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सूरत के रहने वाले हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की यूक्रेन में मौत हो गई. उन्हें हेल्पर के रूप में कंपनी में नियुक्ति मिली थे लेकिन कहा जा रहा है कि बाद में उन्हें लड़ने के लिए वार जोन में भेज दिया गया.

मौत से पहले परिवार से की थी बात
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मौत से कुछ घंटे पहले हेमिल ने अपने परिवार से फोन पर बातचीत की थी. हेमिल के परिवार के सदस्य अतुल मंगुकिया ने एक मीडिया आउटलेट को बताया कि 23 फरवरी को हेमिल के पिता के पास फोन आया था जिसमें बेटे की मौत की जानकारी दी गई. वहीं 25 फरवरी को हेमिल की मौत की पुष्टि हुई. 

हेल्पर की नौकरी करते थे हेमिल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अतुल ने बताया कि हेमिल को सोशल मीडिया के माध्यम से रूसी सेना में हेल्पर की नौकरी का पता चला था. वह रूसी कंपनी के एजेंट्स के कहने पर पिछले साल दिसंबर में चेन्नई से रूस गए थे. पिछले महीने उनके खाते में 2.3 लाख रुपये की सैलरी भेजी गई थी.

सामान्य वीजा पर काम करने गए थे
हेमिल के परिवार ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है और रूसी सरकार से संपर्क कर मौत के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि हेमिल सामान्य वीजा पर रूस गए थे. उन्होंने वहां नौकरी कैसे शुरू की, इसकी जानकारी नहीं है. 

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हेमिल का परिवार सूरत के वाराछा के आनंदनगर वाडी में रहता है. उनके शव के बिना ही सोमवार शाम अंतिम संस्कार करने की बात सामने आ रही है.

वैगनर आर्मी में शामिल कराने की रिपोर्ट्स
बता दें कि पिछले दिनों कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि कई भारतीयों को विजिटर वीजा पर रूस ले जाकर वैगनर आर्मी में शामिल कराया जा रहा है. इन्हें वॉर जोन में भेजा जा रहा है. वहीं बीते शुक्रवार भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि कुछ भारतीयों ने रूसी आर्मी में हेल्पर की नौकरी के लिए कॉन्ट्रेक्ट साइन किया था. भारत रूस के अधिकारियों के साथ संपर्क में है. उन्हें बचाने की कोशिश जारी है.

वहीं सोमवार को फिर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की तुरंत रिहाई के लिए भारत रूसी अधिकारियों के संपर्क में है. यह मामला भारत की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है.

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