Door to Hell: तुर्कमेनिस्तान में एक प्राकृतिक गैस क्रेटर ने दशकों से वैज्ञानिकों और पर्यटकों को हैरान कर रखा है. Darvaza क्रेटर, जिसे 'डोर टू हेल' (Door to Hell) के नाम से जाना जाता है, यह 1971 में जला था. यह पर्यटकों के लिए फेमस जगह है और एक तरीके से यूनिक भूवैज्ञानिक घटना है. वहीं, बुझाने के भी प्रयास किए गए, लेकिन इसके बावजूद, काराकुम रेगिस्तान में आग का गड्ढा अभी भी चमक रहा है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को इसे देखने के लिए आकर्षित करता है. एक बेहद लंबे समय के बाद केवल अब एक आदमी गैस रीडिंग और मिट्टी के नमूने लेने के लिए 1,000 डिग्री सेल्सियस के धधकते तापमान वाले 230 फुट चौड़े, 100 फुट गहरे गड्ढे में प्रवेश कर चुका है.
जॉर्ज कोउरोनिस 'डोर टू हेल' में चले गए थे. नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, कोउरोनिस ने अभियान के लिए दो साल तक तैयारी की और नमूने एकत्र करने के लिए केवल 17 मिनट वहां रहे.
उन्होंने कहा, 'वह 17 मिनट मेरे दिमाग में काफी गहराई तक बस गए थे. यह जितना मैंने सोचा था उससे कहीं ज्यादा डरावना, इतना गर्म और बड़ा था.'
वह रस्सियों के सहारे और गर्मी को झेलने वाले सूट में गड्ढे के नीचे तक पहुंच गए थे. उनको डर था कि वे अत्यधिक गर्मी से पिघल नहीं जाएं.
नरक के द्वार जैसा लग रहा था
उन्होंने बाद में जारी एक वीडियो में अभियान के बारे में कहा, 'जब आप बीच में लटक रहे होते हैं तो आपको ऐसा महसूस होता है जैसे लाइन पर कपड़े का एक टुकड़ा सूख रहा है. मैं चारों ओर देख रहा था और यह नरक के द्वार जैसा लग रहा था, आपको एहसास होता है कि अगर कुछ गलत हुआ और आप गिर गए हैं.' इस अभियान ने दुनिया भर में क्रेटर के बारे में जागरूकता बढ़ाई.
किया ये बड़ा खुलासा
कनाडा के जॉर्ज कोउरोनिस ने इस उम्मीद को भी जगाया कि एलियंस का होना भी सच हो सकता है. दरअसल, उन्हें वहां ऐसा कुछ मिला है, जिससे यह एलियंस की ओर इशारा करता है. उनका कहना है कि हम पृथ्वी पर ही दूसरे ग्रहों में जीवन की तलाश कर रहे थे.
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