नई दिल्ली. अमेरिका और चीन के रिश्तों में इन दिनों तल्खियां बढ़ी हुई हैं. ताइवान के मुद्दे पर इन दोनों ही देशों के बीच दरार बढ़ी हुई है. चीन ने तो ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका को आग से ना खेलने की चेतावनी भी दे दी है. वहीं अमेरिका की तरफ से चीन के मनमाने तरीके से यथास्थिति बदलने के किसी भी कदम पर कड़े विरोध के लिए आगाह किया है.
अमेरिका ने जारी किया बयान
अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद व्हाइट हाउस की तरफ से एक बयान जारी किया गया था. जारी किए गए बयान में कहा गया था कि, ताइवान को लेकर अमेरिका की नीति में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. ताइवान के इलाके में चीन के मनमाने तीरेक से यथास्थिति बदलने की किसी भी कोशिस और शांति भंग करने की कोशिशों का अमेरिका कड़ा विरोध करता है.
चीन ने भी जारी किया बयान
चीन ने भी अमेरिका को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. राष्ट्रपति जिनपिंग के हवाले से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि, चीन ताइवान स्वतंत्रता की ओर बढ़ने वाले अलगाववादी कदमों और किसी बाहरी ताकतों के इस मामले में हस्तक्षेप का कड़ा और सख्त विरोध करता है.
चीन ने कहा आग से खेलना खतरनाक
चीन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि, ताइवान के सवाल पर चीनी सरकार और लोगों की स्थिति स्पष्ट है. ऐसे में चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करना 1.4 बिलियन से अधिक चीनी लोगों की दृढ़ इच्छा है. जनता की राय को टाला नहीं जा सकता. इतना ही नहीं चीन ने यह भी कहा कि, जो आग से खेलते हैं वो इससे नष्ट हो जाते हैं. लिहाजा उम्मीद है कि अमेरिका इस पर स्पष्ट नजर रखेगा और एक-चीन सिद्धांत का सम्मान करेगा.
अमेरिकी स्पीकर की ताइवान यात्रा से ऐतराज
बता दें कि, चीन ने अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा की खबरों पर चीन ऐतराज जताते हुए कहा था कि अगर ऐसा होता है तो अमेरिका को इसके परिणाम उठाने के लिए तैयार रहना होगा. चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता की तरफ से बुधवार को दिए गए बयान में कहा गया था कि चीन ऐसी किसी यात्रा का पुरजोर विरोध करता है.