नई दिल्लीः रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. धमकियों के बावजूद रूस और भारत के व्यापार में बड़ा उछाल देखने को मिला है. जहां भारत, रूस से बिना किसी संकोच के अपना व्यापार बढ़ा रहा है, वहीं भारत के पड़ोसी देश ने अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते रूसी जहाजों की एंट्री अपने जलक्षेत्र में रोक दी है.
वॉशिंगटन के साथ संबंध प्रभावित नहीं करना चाहता ढाका
दरअसल, बांग्लादेश ने रूस से अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत जहाजों से माल नहीं भेजने के लिए कहा है. साथ ही जोर देकर कहा कि ढाका (बांग्लादेश की राजधानी) नहीं चाहता कि वॉशिंगटन (अमेरिकी राजधानी) के साथ उसके संबंध प्रभावित हों. विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन ने ये बातें कहीं.
'रूस 69 जहाजों को छोड़कर किसी से भी भेज सकता है माल'
अब्दुल मोमन ने ढाका में संवाददाताओं से कहा, ‘हमने रूस से कहा है कि वे 69 जहाजों को छोड़कर अपने किसी भी जहाज के माध्यम से हमें माल भेज सकते हैं.’ मास्को (रूस की राजधानी) की ओर से पिछले महीने बांग्लादेश के रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए उपकरण वितरित करने के वास्ते एक जहाज भेजे जाने के हफ्तों बाद उनकी टिप्पणी आई है.
इस संयंत्र को रूसी सहायता से बनाया जा रहा है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ढाका ने पोत को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
रूसी जहाज को बांग्लादेश ने प्रवेश नहीं करने दिया था
रूसी ध्वज वाहक - स्पार्टा तृतीय - सामान को उतारने के लिए 24 दिसंबर को बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिमी मोंगला बंदरगाह पर लंगर डालने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन ढाका ने इस जहाज को बंदरगाह पर रोकने से इनकार कर दिया जबकि जहाज बंगाल की खाड़ी में उसके जलक्षेत्र तक पहुंच गया था.
मोमन ने कहा, ‘यह आश्चर्य की बात है कि रूस ने एक जहाज का नाम बदल दिया. हमें इसकी उम्मीद नहीं थी. अब हम उम्मीद करते हैं कि रूस गैर-प्रतिबंधित जहाज भेजेगा.’
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