43 साल पहले ...25 जून की 'वो' तारीख
इमरजेंसी यानी आपातकाल, यानी वो कानून जिसने तमाम दूसरे कानूनों को पंगु बना दिया। जिसने आम जनता को संविधान से मिले मूल अधिकारों को खत्म कर दिया और सरकार सर्वशक्तिमान बन गई। आतंरिक आपातकाल में अब वो होता जो सरकार चाहती. संसद-विधानसभा बेमानी हो गई. अदालत बेडियों में बंध गए मीडिया बेमानी हो गई, अखबार सरकार का मुखपत्र होने के लिए मजबूर हो गए. आसान शब्दों में समझें तो अब लोगों को वही करना था जो सरकार चाहती थी, देखिये यह रिपोर्ट...
- Zee Media Bureau
- Jun 26, 2018, 12:50 AM IST
इमरजेंसी यानी आपातकाल, यानी वो कानून जिसने तमाम दूसरे कानूनों को पंगु बना दिया। जिसने आम जनता को संविधान से मिले मूल अधिकारों को खत्म कर दिया और सरकार सर्वशक्तिमान बन गई। आतंरिक आपातकाल में अब वो होता जो सरकार चाहती. संसद-विधानसभा बेमानी हो गई. अदालत बेडियों में बंध गए मीडिया बेमानी हो गई, अखबार सरकार का मुखपत्र होने के लिए मजबूर हो गए. आसान शब्दों में समझें तो अब लोगों को वही करना था जो सरकार चाहती थी, देखिये यह रिपोर्ट...