मध्य प्रदेश: कैसे हुआ रेस्क्यू जब दरिया में फंसी जिंदगी?
के श्योपुर में तीन युवक मछली पकड़ने के लिए नदी में गए थे. जब पहुंचे तो पानी का बहाव काफी कम था. मछली पकड़ते-पकड़ते इन्हें पता ही नहीं चला और अचनाक बीच नदी में पानी ने घेर लिया. नदी के पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि इनकी ऊंची जगह से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हो रही थी. पानी बढ़ता देख मौत नजदीक दिखने लगी. किनारे पर खड़े लोगों से भी मदद मांगी. मगर कौन अपनी जान आफत में डालकर बचाए. ऐसे करते-करते वक्त बीतता गया और नदी में पानी बढ़ता गया पर इन्हें लग रहा था जैसे मौत और एक कदम करीब आ रही है. किनारे पर खड़े लोगों की तरफ मदद के तिनके पर टकटकी लगाए खड़े थे. आखिर ये कर भी क्या सकते थे. तभी किसी ने पुलिस और रेस्क्यू टीम को जानकारी दी. मौके पर पहुंची पुलिस और फिर शुरू हुआ बचाने का अभियान. नदी में काफी मुश्किल से रस्सी फेकी गई. कई बार की कोशिश के बाद मदद की रस्सी पहुंच नहीं रही थी. आखिरकार इनके हाथ तक वो रस्सी आ गई. फिर लगा कि अब तो जान बच जाएगी. किनारे खड़े लोगों की दिल की धड़कन तेज हो रही थी. जरा सी चूक जिंदगी पर भारी पड़ जाती. सबको लग रहा था कि अब क्या होगा तब क्या होगा. घंटों की मशक्कत के बाद एक-एक कर तीनों को बाहर निकाला. तब जाकर पीड़ितों के साथ सभी लोगों ने राहत की सांस ली.
- Zee Media Bureau
- Jun 28, 2018, 02:09 PM IST
के श्योपुर में तीन युवक मछली पकड़ने के लिए नदी में गए थे. जब पहुंचे तो पानी का बहाव काफी कम था. मछली पकड़ते-पकड़ते इन्हें पता ही नहीं चला और अचनाक बीच नदी में पानी ने घेर लिया. नदी के पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि इनकी ऊंची जगह से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हो रही थी. पानी बढ़ता देख मौत नजदीक दिखने लगी. किनारे पर खड़े लोगों से भी मदद मांगी. मगर कौन अपनी जान आफत में डालकर बचाए. ऐसे करते-करते वक्त बीतता गया और नदी में पानी बढ़ता गया पर इन्हें लग रहा था जैसे मौत और एक कदम करीब आ रही है. किनारे पर खड़े लोगों की तरफ मदद के तिनके पर टकटकी लगाए खड़े थे. आखिर ये कर भी क्या सकते थे. तभी किसी ने पुलिस और रेस्क्यू टीम को जानकारी दी. मौके पर पहुंची पुलिस और फिर शुरू हुआ बचाने का अभियान. नदी में काफी मुश्किल से रस्सी फेकी गई. कई बार की कोशिश के बाद मदद की रस्सी पहुंच नहीं रही थी. आखिरकार इनके हाथ तक वो रस्सी आ गई. फिर लगा कि अब तो जान बच जाएगी. किनारे खड़े लोगों की दिल की धड़कन तेज हो रही थी. जरा सी चूक जिंदगी पर भारी पड़ जाती. सबको लग रहा था कि अब क्या होगा तब क्या होगा. घंटों की मशक्कत के बाद एक-एक कर तीनों को बाहर निकाला. तब जाकर पीड़ितों के साथ सभी लोगों ने राहत की सांस ली.