Durga Puja 2022: एक मिनट में जानिए धुनुची और सिंदूर खेला के पीछे की असल कहानी

बंगाली रीति रिवाज और मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां दुर्गा अपने पुत्र कार्तिकेय और गणेश के साथ धरती पर आती हैं. पांच दिनों तक मां की पूजा उपासना करने के बाद विजयदशमी को मां को सिंदूर अर्पित कर विदा किया जाता है. इसी को सिंदूर खेला कहा जाता है.सिंदूर खेला की ये परंपरा 450 वर्ष पहले पश्चिम बंगाल से शुरू हुई थी. इसके साथ ही नवरात्रि के आखिरी दिन बंगाली समुदाय के लोग धुनुची नृत्य से मां को प्रसन्न करते हैं.

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