बताना तो पड़ेगा: क्या मॉब लिंचिंग को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है?

लगातार मॉब लिंचिंग की घटनाओं से देश शर्मसार है. भीड़ के हाथों अलवर में रकबर खान की मौत हो या बाड़मेर में दलित खेताराम की हत्या कर दी जाए. या फिर केरल में खाना चोरी करने के आरोप में मानसिक रुप से बीमार एक आदिवासी युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाए. ये सभी घटनाएं चिंता करने वाली है. सभ्य समाज में ऐसी किसी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. लेकिन राजनीतिक दल ऐसे ही मामले को तूल देते हैं, जो उन्हें शूट करता है. देखिये पूरी बहस...

  • Zee Media Bureau
  • Jul 26, 2018, 10:00 PM IST

लगातार मॉब लिंचिंग की घटनाओं से देश शर्मसार है. भीड़ के हाथों अलवर में रकबर खान की मौत हो या बाड़मेर में दलित खेताराम की हत्या कर दी जाए. या फिर केरल में खाना चोरी करने के आरोप में मानसिक रुप से बीमार एक आदिवासी युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाए. ये सभी घटनाएं चिंता करने वाली है. सभ्य समाज में ऐसी किसी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. लेकिन राजनीतिक दल ऐसे ही मामले को तूल देते हैं, जो उन्हें शूट करता है. देखिये पूरी बहस...