कब तक अफवाहों के बाजार में होती रहेगी बेगुनाहों की मौत, ये है देश में अभी तक फेक न्यूज का हाल

ये चीज हमारे देश के लिए एक ऐसी दुश्मन है जो अदृश्य है यानि दिखती नहीं है. मगर चाहे तो किसी भी क्षेत्र में रह रहे लोगों के दिलो-दिमाग में अशांति फैला दे. दिमाग को कुंद करने वाला ये दुश्मन एक अंजाना सा डर पैदा कर देता है, जिसमें इंसान झूठ को ही सच मानने पर मजबूर कर देता है. चो चलिए आज जानते हैं कि देश में अपनी जड़ें मजबूत करते इस दुश्मन अफवाह के बीते कुछ सालों में लोग कितना शिकार हुए.

ट्रेंडिंग विडोज़