आज का एजेंडा: इस्लाम में हक की आवाज उठाना गुनाह है ?(Part 2)
अदालतें तो इंसाफ के लिए बनाई जाती है. अदालत में सब समान होते हैं. जिसने गुनाह किया है सजा उसको मिलती है. अपने हक की आवाज उठाने वालों को अदालत सजा कभी नहीं देती. क्या इस्लाम में हक की आवाज उठाना गुनाह है? क्या शरीयत में महिला के हुकूक के लिए लड़ना इस्लाम का अपमान है? देखिये हमारी खास पेशकश...
- Zee Media Bureau
- Jul 15, 2018, 03:30 PM IST
अदालतें तो इंसाफ के लिए बनाई जाती है. अदालत में सब समान होते हैं. जिसने गुनाह किया है सजा उसको मिलती है. अपने हक की आवाज उठाने वालों को अदालत सजा कभी नहीं देती. क्या इस्लाम में हक की आवाज उठाना गुनाह है? क्या शरीयत में महिला के हुकूक के लिए लड़ना इस्लाम का अपमान है? देखिये हमारी खास पेशकश...