आज का एजेंडा: क्या बंगला खाली करने का गम बर्दाश्त नहीं कर पाएं अखिलेश? (पार्ट-2)

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गिनती अपनी पीढ़ी के सबसे तेजतर्रार, मेहनती, ईमानदार और समझदार नेताओं में होती है। सरकारी बंगला खाली करने के बाद जो अखिलेश ने किया उसने सब मटिया मेट कर दिया। देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उम्मीद थी कि वो सियासत में कोई बड़ी लकीर खीचेंगे। वो समाजवादी पार्टी जिसकी पहचान ही एक उद्दंड पार्टी थी..अखिलेश ने उस छवि को बदला था। अखिलेश ने कार्यकर्ताओं पर लगाम भी लगाई थी,

  • Zee Media Bureau
  • Jun 10, 2018, 04:41 PM IST

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गिनती अपनी पीढ़ी के सबसे तेजतर्रार, मेहनती, ईमानदार और समझदार नेताओं में होती है। सरकारी बंगला खाली करने के बाद जो अखिलेश ने किया उसने सब मटिया मेट कर दिया। देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उम्मीद थी कि वो सियासत में कोई बड़ी लकीर खीचेंगे। वो समाजवादी पार्टी जिसकी पहचान ही एक उद्दंड पार्टी थी..अखिलेश ने उस छवि को बदला था। अखिलेश ने कार्यकर्ताओं पर लगाम भी लगाई थी, शनिवार को जब अखिलेश का सरकारी बंगला खोला गया तो अंदर का हाल देखकर सभी दंग रह गए।कभी आलीशान महल की तरह दिखने वाला अखिलेश का बंगला अंदर से तहस-नहस मिला। बंगले का शायद ही कोई ऐसा हिस्सा हो जहां समाजवादी तूफान के नजारे ना दिखे हों। एसी, स्विच बोर्ड, बल्ब और वायरिंग तक गायब मिले। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्विमिंग पूल और लॉन उजाड़ दिए गए, सीढ़ियां तोड़ दी गई, साइकल ट्रैक भी खोद दिया गया। बंगले में मंदिर के अलावा कोई हिस्सा ऐसा नहीं था, जहां तोड़फोड़ न की गई हो, मीडिया ने जब सवाल पूछा तो अखिलेश बाबू अकड़ गए और बोले एक एक सामान की लिस्ट दें सरकार, सब कुछ वापस लौटा दूंगा। अखिलेश यहीं नहीं रुके बंगले की तोड़फोड़ के लिए अधिकारियों को ही जिम्मेदार बता डाला,साथ ही अफसरों को भी धमकी देना नहीं भूले।

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