Union Budget 2023: जेब की बात है तो जानना बेहद जरूरी, जानिए बजट में इस्तेमाल होने वाले शब्दों के अर्थ

Union Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में 11 बजे से बजट भाषण शुरू करेंगी. बजट से पूरे देश को उम्मीदें हैं. बजट में कई घोषणाएं होंगी. नई व्यवस्थाओं का ऐलान होगा, लेकिन हर कोई इसे समझ जाए, ऐसा जरूरी नहीं है. इसमें कई शब्द काफी कठिन होते हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये काफी महत्वपूर्ण होते हैं. आप आसानी से बजट समझ पाएं इसलिए जान लें, बजट में इस्तेमाल होने वाले इन शब्दो के अर्थ, क्योंकि जेब का सवाल है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 1, 2023, 10:35 AM IST
  • फिस्कल डेफिसिट क्या है?
  • फिस्कल डेफिसिट क्या है?
Union Budget 2023: जेब की बात है तो जानना बेहद जरूरी, जानिए बजट में इस्तेमाल होने वाले शब्दों के अर्थ

नई दिल्लीः Union Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में 11 बजे से बजट भाषण शुरू करेंगी. बजट से पूरे देश को उम्मीदें हैं. बजट में कई घोषणाएं होंगी. नई व्यवस्थाओं का ऐलान होगा, लेकिन हर कोई इसे समझ जाए, ऐसा जरूरी नहीं है. इसमें कई शब्द काफी कठिन होते हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये काफी महत्वपूर्ण होते हैं. आप आसानी से बजट समझ पाएं इसलिए जान लें, बजट में इस्तेमाल होने वाले इन शब्दो के अर्थ, क्योंकि जेब का सवाल है.

फिस्कल सरप्लस क्या है?
फिस्कल सरप्लस का हिंदी अर्थ राजकोषीय मुनाफा है यानी सरकार ने अधिक आमदनी की है और खर्च कम किया है.

फिस्कल डेफिसिट क्या है?
फिस्कल डेफिसिट यानी राजकोषीय घाटा. जब सरकार की आमदनी कम और खर्च ज्यादा होता है तो उसे फिस्कल डेफिसिट कहते हैं. इसका अर्थ है कि सरकार घाटे में है.

रेवेन्यू डेफिसिट क्या है?
सरकार जब अपने कमाई के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाती है तो उसे राजस्व घाटा या रेवेन्यू डेफिसिट कहा जाता है.

डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में क्या अंतर है?
इनकम टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स आदि के रूप में सीधे तौर पर सरकार जब जनता से टैक्स लेती है तो उसे डायरेक्ट टैक्स कहते हैं. वहीं, एक्साइज ड्यूटी, सर्विस ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी आदि के रूप में सरकार अप्रत्यक्ष रूप से जो कर लेती है, उसे इनडायरेक्ट टैक्स कहा जाता है.

एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी और जीएसटी में क्या अंतर है?
देश में बनने वाले उत्पादों पर लगने वाले टैक्स को एक्साइज ड्यूटी कहते हैं. अब सिर्फ शराब, पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगती है, बाकी को जीएसटी में शामिल कर दिया गया है. वहीं, देश से बाहर किए जाने वाले व्यापार यानी आयात-निर्यात पर कस्टम ड्यूटी लगती है. वस्तु और सेवाओं पर लगने वाले कर को जीएसटी कहते हैं, यह इनडायरेक्ट टैक्स है.

कॉरपोरेट टैक्स क्या है?
कंपनियों, फर्म और कॉरपोरेट पर लगने वाले टैक्स को कॉरपोरेट टैक्स कहते हैं.

शॉर्ट टर्म गेन और लॉन्ग टर्म गेन में क्या अंतर है?
शेयर बाजार में एक साल से कम समय के लिए निवेश कर जो मुनाफा होता है, उसे शॉर्ट टर्म गेन या अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कहते हैं. वहीं, शेयर बाजार में एक साल से ज्यादा वक्त के लिए निवेश कर कमाए जाने वाले मुनाफे को लॉन्ग टर्म गेन या दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कहते हैं.

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