इस कारण से पति-पत्नी निकालते एक-दूसरे की कमियां, हनीमून से ही खराब हो सकती है शादी

तनाव लोगों को अपने पति या पत्नी की बुरी आदतों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का कारण बन सकता है. यहां तक ​​कि विवाहित जोड़े जो अभी भी अपने रिश्ते की 'हनीमून अवधि' में हैं, अध्ययन में यह पाया गया है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 27, 2022, 10:51 AM IST
  • नकारात्मक आदतों में पति या पत्नी से वादा तोड़ना शामिल है
  • शोध दल ने 79 नवविवाहित जोड़ों की आदतों का अध्ययन किया
इस कारण से पति-पत्नी निकालते एक-दूसरे की कमियां, हनीमून से ही खराब हो सकती है शादी

लंदन: एक नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि तनावपूर्ण जीवन परिस्थितियां (Stress) लोगों को अपने जीवनसाथी की बुरी आदतों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने पर मजबूर कर सकती हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उन विवाहित जोड़ों पर भी लागू होता है जो अभी भी अपने रिश्ते की 'हनीमून' पीरियड में हैं.

पहले हुए अध्ययनों से पता चला है कि तनावपूर्ण जीवन परिस्थितियाँ प्रभावित कर सकती हैं कि जोड़े कैसे बातचीत करते हैं, लेकिन यह नया शोध दिखाता है कि तनाव का अनुभव करने वाले व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के नकारात्मक व्यवहार पर ध्यान देने की अधिक संभावना है. शोधकर्ता अब मानते हैं कि तनाव उन कार्यों को प्रभावित कर सकता है जो पार्टनर सबसे पहले नोटिस करते हैं.

ये कमियां दिखती हैं
नकारात्मक कार्यों में एक पति या पत्नी का वादा तोड़ना, क्रोध या अधीरता दिखाना, या अपने साथी की आलोचना करना शामिल है.

क्या कहते हैं शोधकर्ता
टेक्सास विश्वविद्यालय के अध्ययन प्रमुख लेखक डॉ लिसा नेफ ने कहा: 'हमने पाया कि जिन व्यक्तियों ने अपने रिश्ते के बाहर अधिक तनावपूर्ण जीवन की घटनाओं का अनुभव किया है, जैसे काम पर समस्याएं, विशेष रूप से नोटिस करने की संभावना है कि उनके साथी ने असंगत व्यवहार किया है. 

कैसे हुआ शोध
शोध दल ने 79 नवविवाहित जोड़ों को प्रत्येक रात 10 दिनों के लिए एक छोटा सर्वेक्षण पूरा करने के लिए कहा, जिसमें उन्होंने अपने और अपने साथी के व्यवहार का दस्तावेजीकरण किया. अध्ययन की अवधि शुरू होने से पहले, प्रतिभागियों ने एक प्रश्नावली पूरी की जिसमें उन्होंने अपने जीवन में तनावपूर्ण घटनाओं का विवरण साझा किया.

डॉ नेफ ने कहा कि  'यदि तनाव व्यक्तियों का ध्यान अपने साथी के अधिक असंगत व्यवहारों की ओर केंद्रित करता है, तो यह रिश्ते पर भारी पड़ सकता है.' डॉ नेफ ने कहा, 'यह जांचना होगा कि क्या तनाव के हानिकारक प्रभाव उन जोड़ों के बीच और भी मजबूत हो सकते हैं जो अब उनके रिश्तों के नवविवाहित चरण में नहीं हैं. 'लेकिन तथ्य यह है कि हमने नवविवाहितों के नमूने में इन प्रभावों को पाया है कि तनाव के प्रभाव कितने प्रभावशाली हो सकते हैं.' यह अध्ययन सोशल साइकोलॉजिकल एंड पर्सनैलिटी साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

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