रेपो रेट बढ़ने से आपको होता है ये बड़ा फायदा, जानें कैसे बढ़ जाएंगे आपकी बचत के पैसे

RBI Repo Rate Hike: रेपो रेट बढ़ने से आपके द्वारा लोन पर चुकाई जाने वाली EMI का बढ़ना तय है. हालांकि, जहां एक तरफ रेपो दरों में इजाफे से जहां कुछ नुकसान होते हैं तो वहीं बैंक अकाउंट धारकों को कुछ फायदा भी मिलता है. 

Written by - Abhishek Nandan | Last Updated : Dec 22, 2022, 07:35 PM IST
  • रेपो रेट बढ़ने से बढ़ जाती है लोन की EMI
  • लेकिन एफडी में निवेश पर मिलता है फायदा
रेपो रेट बढ़ने से आपको होता है ये बड़ा फायदा, जानें कैसे बढ़ जाएंगे आपकी बचत के पैसे

नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को पेश मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी और तिमाही में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर रहेगी. रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर रखने का लक्ष्य दिया गया है. 

आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी के इस फैसले के बाज देश की आम जनता के बजट पर सीधा असर पड़ने वाला है. रेपो रेट बढ़ने से आपके द्वारा लोन पर चुकाई जाने वाली EMI का बढ़ना तय है. हालांकि, जहां एक तरफ रेपो दरों में इजाफे से जहां कुछ नुकसान होते हैं तो वहीं बैंक अकाउंट धारकों को कुछ फायदा भी मिलता है. 

बढ़ेगी लोन पर ईएमआई

रेपो रेट में इजाफे के फैसले से बैंकों द्वारा दिए जाने वाले सभी तरह के लोन, जैसे कि, होम लोन, पर्सनल लोन आदि महंगे हो जाते हैं. यानी अगर आपने कोई लोन ले रखा है या भविष्य में लोन लेने की कोई प्लानिंग है तो इस पर आपको ज्यादा ब्याज चुकाना होगा. जिससे आपके ऊपर मंथली ईएमआई का बोझ बढ़ना तय माना जा रहा है. 

रेपो रेट में ताजे इजाफे के तुरंत बाद ही, ICICI बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी मानक ब्याज दरों (EBLR) में बढ़ोतरी का ऐलान किया था.  ICICI बैंक ने जहां EBLR को 9.10 फीसदी सालाना का कर दिया है, वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने इसे 7.40 फीसदी से बढ़ाकर 7.90 फीसदी का बना दिया है.  

एफडी निवेश वालों को फायदा

रेपो रेट बढ़ने से जहां एक तरफ लोन लेने वालों को बढ़ी ईएमआई का नुकसान झेलना पड़ता हो तो वहीं दूसरी तरफ इसके बढ़ने से बैंक एफडी योजनाओं में निवेश करने वालों को अपनी जमा रकम पर बढ़ी हुई ब्याज का फायदा मिलता है. इससे पहले भी जब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी की गई थी तो लगभग सभी छोटे बड़े बैंकों द्वारा रेपो रेट में इजाफा देखने को मिला था. 

इस वजह से बढ़ता है एफडी पर ब्याज

रेपो रेट बढ़ने के बाद सभी वाणिज्यिक बैंकों की तरफ से लोन पर ब्याज को बढ़ाया जाता है. जिस वजह से बैंकों को दिए गए लोन पर ज्यादा रिटर्न प्राप्त होता है. बैंक इस अधिक रिटर्न से खुद को हुए मुनाफे का लाभ ग्राहकों को एफडी पर ज्यादा ब्याज के रूप में भी देता है. 

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