नई दिल्ली: अगर आपने नौकरी बदली है तो सबसे पहले आपको अपनी पुरानी कंपनी से PF Account को नई कंपनी के साथ लिंक करवा लेना चाहिए. हालांकि कई बार लोग अपने पुराने खाते को इस्तेमाल में नहीं लाते हैं और नई कंपनी में उनका नया PF Account खोला जाता है. लेकिन अगर आपने तीन साल तक अपने PF Account से ट्रांजैक्शन नहीं किया तो आपका PF Account डिएक्टिवेट मान लिया जाता है. अगर आपके डिएक्टिवेट हो चुके अकाउंट में रकम बाकी रह गई है तो आप उसे निकाल भी सकते हैं.
डिएक्टिवेट अकाउंट से ऐसे निकलेगा पैसा
निष्क्रिय पीएफ खातों से संबंधित क्लेम को निपटाने के लिए जरूरी है कि उस क्लेम को कर्मचारी का नियोक्ता सर्टिफाइड करे. लेकिन जिन कर्मचारियों की कंपनी बंद हो चुकी है और क्लेम सर्टिफाइड करने के लिए कोई नहीं है तो ऐसे क्लेम को बैंक KYC दस्तावेजों के आधार पर सर्टिफाई करेंगे. KYC दस्तावेजों में आपको पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड, आधार कार्ड, ईएसआई आइडेंटिटी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ सकती है.
इनकी मंजूरी के बाद मिलता पैसा
अगर आपके निष्क्रिय PF खाते में 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम है तो यह पैसा असिस्टेंट प्रोविडेंट फंड कमिश्नर की मंजूरी के बाद निकलेगा या ट्रांसफर होगा. इसी तरह 25 हजार रुपए से ज्यादा और 50 हजार रुपए से कम राशि होने पर फंड ट्रांसफर या विदड्रॉल के लिए अकाउंट ऑफिसर की मंजूरी जरूरी है. अगर राशि 25 हजार रुपए से कम है, तो इस पर डीलिंग असिस्टेंट मंजूरी दे सकेंगे.
दोबारा एक्टिव कर सकते हैं अकाउंट
आप अपने बंद पड़े पीएफ अकाउंट तो दोबारा से एक्टिव कर सकते हैं. ऐसा नहीं है कि आपका खाता अगर एक बार इनएक्टिव हो गया है, तो वो एक्टिव नहीं हो सकता. अगर आप इसे दोबारा एक्टिव कराना चाहते हैं तो आपको ईपीएफओ के ऑफिस में इसके लिए एप्लीकेशन देनी होगी. हालांकि खाता बंद होने के बावजूद आपके पैसों पर ब्याज मिलता रहता है. यानी आपका पैसा डूबता नहीं है, वो आपको मिल जाता है.
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