नई दिल्लीः अंगदान महादान माना जाता है. भारत में अंगदान को लेकर जागरूकता के लिए सरकार प्रयास कर रही है. साथ ही इसके नियमों को भी सरल और सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार अंगदान और परिवहन के लिए 'एक राष्ट्र, एक नीति' विकसित करने पर विचार कर रही है.
अब किसी भी राज्य में पंजीकरण कराया जा सकता है
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से बताया, 'केंद्र ने डोमिसाइल की जरूरत खत्म करने का निर्णय लिया है और सभी राज्यों को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है. अब जरूरतमंद व्यक्ति देश के किसी भी राज्य में जाकर अंग प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करा सकता है और प्रत्यारोपण भी करवा सकता है. राज्यों की दान नीति के तहत अंग दान करने के लिए जरूरतमंद व्यक्ति के अधिवास की जरूरत होती है.'
65 वर्ष की आयुसीमा का प्रावधान हटाया गया
सूत्र ने कहा, 'अब किसी भी उम्र का व्यक्ति अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण करा सकता है.' केंद्र ने 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर अंग प्राप्त करने और अंग दान के लिए पंजीकरण कराने पर प्रतिबंध को खत्म करने का फैसला किया है. यानी अब किसी भी उम्र का व्यक्ति अंग प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करा सकेगा.
5 से 10 हजार रुपये तक लगती थी पंजीकरण फीस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई राज्यों में पंजीकरण की फीस 5 से 10 हजार रुपये थी. इसे भी खत्म कर दिया गया है, यानी अब अंग प्रत्यारोपण के पंजीकरण के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 9 जनवरी को इस नीति को लागू करने के लिए सभी राज्यों के साथ परामर्श बैठक की थी. पिछले साल सितंबर में डॉक्टरों ने सरकार को अनिवार्य मृतक अंग दान पर जोर देने की सलाह भी दी थी.
2022 में 15 हजार से ज्यादा अंग प्रत्यारोपण हुए
स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, कुल अंग प्रत्यारोपण 2013 में 4,990 से बढ़कर 2022 में 15,561 हो गया. 15,561 प्रत्यारोपणों में से अधिकतर - 12,791 (82 प्रतिशत) जीवित अंग प्रत्यारोपण हैं और 2,765 (18 प्रतिशत) मृत अंग या शव से निकाले गए अंग के प्रत्यारोपण हैं.
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