बेड पर जाते ही सताने लगती है नींद न आने की चिंता, जानें क्या है स्लीप एंग्जाइटी और इसके बचाव

Sleep Anxiety: गुरुग्राम के 'मणिपाल हॉस्पिटल' में कंसल्टेंट क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर श्वेता शर्मा के मुताबिक भले ही स्लीप एंग्जाइटी और डिप्रेशन के लक्षण एक जैसे होते हैं, लेकिन ये एक दूसरे से काफी अलग होते हैं.   

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Mar 21, 2024, 03:32 PM IST
  • नींद में बाधा डालती है स्लीप एंग्जाइटी
  • सोते समय व्यक्ति को आते हैं बुरे विचार
बेड पर जाते ही सताने लगती है नींद न आने की चिंता, जानें क्या है स्लीप एंग्जाइटी और इसके बचाव

नई दिल्ली:  Sleep Anxiety: भारत में पिछले कुछ सालों से मेंटल हेल्थ के मामलों में तेजी से उछाल आया है. 'नेशनल सैंपल सर्वे' की एक रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में अमीर आबादी के मुकाबले कमजोर वर्ग के लोगों की मेंटल हेल्थ को लेकर सेल्फ रिपोर्टिंग का स्तर बेहद कम है, जो बेहद चिंताजनक बात है. बता दें कि डिप्रेशन मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक आम समस्या है. इसके चलते व्यक्ति की नींद भी काफी प्रभावित होती है, हालांकि कई मामलों में स्लीप एंग्जाइटी के कारण भी आपकी रातों की नींद उड़ सकती है. गुरुग्राम के 'मणिपाल हॉस्पिटल' में कंसल्टेंट क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर श्वेता शर्मा के मुताबिक भले ही स्लीप एंग्जाइटी और डिप्रेशन के लक्षण एक जैसे होते हैं, लेकिन ये एक दूसरे से काफी अलग होते हैं. 

क्या है स्लीप एंग्जाइटी? 
डॉक्टर श्वेता शर्मा के मुताबिक स्लीप एंग्जाइटी एक ऐसी मेंटल हेल्थ समस्या है, जिसमें व्यक्ति को अच्छी और पर्याप्त नींद लेने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इस समस्या से जूझ रहे व्यक्ति नींद से बचने की कोशिश करते रहते हैं, जिसे सोम्निफोबिया भी कहा जाता है. इन लोगों को सोते समय हृदय गति के तेज होने, पसीना आने और डर का अनुभव होने जैसी समस्या होती है. 

स्लीप एंग्जाइटी के लक्षण 

सोते समय डर का अनुभव होना
डॉक्टर श्वेता शर्मा का कहना है कि स्लीप एंग्जाइटी से जूझ रहे व्यक्ति को अक्सर सोते समय नींद न आने या सोते समय किसी तरह की अनहोनी होने का डर सताता रहता है. 

शारीरिक लक्षण 
स्लीप एंग्जाइटी से जूझ रहे व्यक्ति की हृदय गति भी तेजी से बढ़ने लगती है. इसके अलावा उन्हें सोते समय पसीना आना और मांसपेशियों में तनाव होने की समस्या भी हो सकती है. 

बुरे विचार 
डॉक्टर श्वेता शर्मा के मुताबिक स्लीप एंग्जाइटी से जूझ रहा व्यक्ति सोते समय नींद से जुड़ी चिंताओं के बारे में सोचता रहता है, जिससे उसके लिए आराम करना बेहद मुश्किल हो जाता है. 

अवॉइडेंस बिहेवियर 
इस तरह के लोग नींद से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने ढूंढते रहते हैं. इसके लिए वे देर तक जागते रहते हैं या और दिमाग को व्यस्त रखने के लिए कोई न कोई एक्टिविटी करते हैं.  

स्लीप एंग्जाइटी के ट्रीटमेंट 

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
डॉक्टर श्वेता शर्मा के मुताबिक स्लीप एंग्जाइटी से जूझ रहे व्यक्ति का कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी से ट्रीटमेंट किया जा सकता है. इसमें व्यक्ति से बाचतीच के जरिए उसका इलाज किया जा सकता है. 

मसल रिलैक्सेशन 
डॉक्टर श्वेता शर्मा के मुताबिक स्लीप एंग्जाइटी से जूझ रहे व्यक्ति का मसल रिलैक्सेशन के जरिए भी इलाज किया जा सकता है. इसमें व्यक्ति को गहरी सांस लेने के लिए कहा जाता है, जिससे उनकी मांसपेशियां रिलैक्स होती है और इस समस्या से उन्हें छुटकारा मिलता है. 

स्लीप हाइजीन 
स्लीप हाइजीन हाइजीन मेंटेन करने यानी सोने की एक दिनचर्या बनाने से व्यक्ति को अच्छी नींद आती है. इससे व्यक्ति की नींद की गुणवत्ता भी अच्छी होती है. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.

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