नई दिल्ली: देश की आम जनता लंबे वक्त से घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की महंगी कीमतों से परेशान है. हालांकि इस महीने की पहली ही तारीख को 19 किलो वाले कॉमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में कटौती देखने को मिली थी. लेकिन इसका फायदा होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट मालिकों को हुआ. 14 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें फिलहाल जस की तस बनी हुई हैं. लेकिन अब सरकार घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों को कम करने के लिए एक्शन मोड में आती दिख रही है.
रसोई गैस की कीमत पर ऐसे काबू पाएगी सरकार
मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो रसोई गैस की कीमतों को काबू में लाने के लिए पेट्रोलयम मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी कीमतों को नियंत्रित रखने और उनके निर्धारण का फॉर्मूला तैयार करेगी. इसके साथ ही यह कमेटी घरेलू गैस उत्पादन को लेकर बेहतर प्राइसिंग का फॉर्मूला तय करेगी. माना जा रहा है कि इसी महीने के अंत तक रिपोर्ट सौंप दी जाएगी.
गैस की सही कीमतों को लेकर सुझाव देगी कमेटी
ONGC और रिलायंस जैसी कंपनियों की तरफ से पैदा की जानी वाली गैस की कीमत तय करने के फॉर्मूले की समीक्षा के लिए इस समिति का गठन किया गया है. पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारीख की अगुवाई में यह समीक्षा समिति बनाई है. यह समिति गैस उपभोक्ताओं को गैस की वाजिब कीमत को लेकर सुझाव देगी.
तेजी से बढ़ी हैं गैस की कीमतें
बता दें कि, पिछले कुछ महीनों के दौरान गैस की कीमतों में काफी तेजी से इजाफा हुआ है. पुराने गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस की कीमत अप्रैल के बाद दोगुनी होकर 6.1 डॉलर प्रति इकाई (एमएमबीटीयू) हो चुकी है और अगले महीने तक इसके नौ डॉलर प्रति इकाई से आगे निकल जाने की संभावना है. मंत्रालय ने इस समिति से कहा है कि वह उपभोक्ताओं को मुहैया कराई जाने वाली गैस की वाजिब कीमत का सुझाव दे. गैस का इस्तेमाल उर्वरक बनाने के अलावा बिजली उत्पादन और सीएनजी एवं रसोई गैस के रूप में भी किया जाता है.
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