Blood in Sputum: बलगम या मांसल खांसी एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो श्वास नलिकाओं में बने बलगम या फ्लीम की वजह से होती है. जब बलगम बहुत गाढ़ा हो और उसमें खून या रक्त के थक्के हो तो इसे बलगम में खून कहा जाता है. यह एक गंभीर स्थिति है जिसे संबंधित चिकित्सक से समुचित जांच कराना चाहिए.
बलगम में खून आने का मतलब और इसके कारण
बलगम में खून के कारण कई हो सकते हैं. नीचे दिए गए कुछ मुख्य कारण हैं:
श्वसन संबंधी समस्याएं: फेफड़ों या श्वसन नलिकाओं में संक्रमण, निंद्रा या धूल में प्रदूषण की वजह से श्वसन संबंधी समस्याएं बलगम में खून का कारण बन सकती हैं.
सांस लेने वाली संक्रमण: फेफड़ों या श्वसन नलिकाओं के संक्रमण से बलगम में खून आ सकता है, जो सांस लेने वाले प्रणाली को प्रभावित करता है.
ब्रॉनकाइटिस: ब्रॉनकाइटिस एक फेफड़ों की समस्या है जिसमें फेफड़ों की प्रदर्शन करने वाली नलिकाओं में संक्रमित हो जाती है जो बलगम में खून का कारण बन सकती है. इसके प्रमुख लक्षणों में बलगम में खून या रक्त की विलुप्ति, गहरी श्वास लेने में परेशानी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, और सीने में दर्द शामिल हैं.
फेफड़ों की कैंसर: फेफड़ों के कैंसर में बलगम में खून का आना एक गंभीर संकेत हो सकता है. बलगम में खून बनाने वाले कैंसर के प्रकार में श्वसन नलिका कैंसर, पुराने या नए ब्रॉनकाइटिस के कैंसर और फेफड़ों के शरीरिक अंगों के कैंसर शामिल हैं.
ट्रौमा या चोट: फेफड़ों पर ट्रौमा या चोट लगने से भी बलगम में खून आ सकता है. यह फेफड़ों के संरचना में क्षति करके बलगम में खून का कारण बन सकता है.
वातावरणीय कारक: प्रदूषण, धूल, धुंद, धूप और अन्य वातावरणीय कारक भी बलगम में खून का कारण बन सकते हैं. ये कारक फेफड़ों की स्वास्थ्य और संचार प्रणाली को प्रभावित करके बलगम में खून को बढ़ा सकते हैं.
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