Gold Silver Rate: इस साल सोने-चांदी की कीमतों में 10 फीसदी आएगा बदलाव, जानें कैसे उठा सकते हैं फायदा

Gold Silver Rate: निवेश के मामले में अगर आप सबसे सुरक्षित निवेश की बात करें तो हमेशा से ही सोने और चांदी को तरजीह दी जाती है और इस साल आपको उससे काफी फायदा भी मिल सकता है. साल की शुरुआत में सोने और चांदी के दामों में काफी तेजी देखने को मिली है जिसके चलते इनके रेट में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 20, 2023, 06:19 PM IST
  • इस वजह से बढ़ रही है सोने की कीमतें
  • कुछ महीनों में तेजी से बढ़ी सोने-चांदी की कीमत
Gold Silver Rate: इस साल सोने-चांदी की कीमतों में 10 फीसदी आएगा बदलाव, जानें कैसे उठा सकते हैं फायदा

Gold Silver Rate: निवेश के मामले में अगर आप सबसे सुरक्षित निवेश की बात करें तो हमेशा से ही सोने और चांदी को तरजीह दी जाती है और इस साल आपको उससे काफी फायदा भी मिल सकता है. साल की शुरुआत में सोने और चांदी के दामों में काफी तेजी देखने को मिली है जिसके चलते इनके रेट में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

इस वजह से बढ़ रही है सोने की कीमतें

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है जिसके अनुसार यह साल सुरक्षित निवेश का साल है. वैश्विक मंदी, भू-राजनीतिक अनिश्चितता के साथ-साथ ब्याज दरों में धीमी बढ़ोतरी की वजह से सोने की कीमतें बढ़ी हैं. मांग और आपूर्ति के कारकों ने ऐतिहासिक रूप से सोने की कीमतों पर सीधे तौर पर बड़ा प्रभाव नहीं डाला है, खास कर ऐसे हालात में जहां बाजार में अनिश्चितताएं मौजूद हैं.

कुछ महीनों में तेजी से बढ़ी सोने-चांदी की कीमत

पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई है, इसलिए इसमें अब थोड़ी नरमी आने की संभावना है. सोने की मांग बाजार को कभी निराश नहीं करती है, हालांकि बाजार में कुछ मंदी के कारण इस बार घरेलू मोर्चे पर चीजें थोड़ी अलग हैं, खास कर पिछले साल सोने के लिए सीमा शुल्क 15 प्रतिशत (उपकर सहित) और इस बार चांदी के लिए हालिया बदलाव के बीच भारत ने 2021 में 1,050 टन सोने का आयात किया, 2022 में उसने 705 टन सोने का आयात किया था. दूसरी ओर, चांदी के आयात ने 2022 में सब को चौंका दिया, जो कि 9,500 टन था.

आरबीआई की खरीदारी से भी बढ़ी सोने की मांग

उच्च कीमतों के बीच, सोने की खरीददारी में बाजार में कुछ मजबूती है. घरेलू मोर्चे पर, गोल्ड ईटीएफ में प्रमुख फंड हाउसों के कुल एयूएम के साथ 17,000 करोड़ रुपये से ऊपर जाने के साथ अच्छा ट्रैक्शन देखा गया है. मांग में वृद्धि का एक कारण आरबीआई की सोने की खरीददारी है जो लगातार बढ़ रही है. पिछले 10 वर्षों से सेंट्रल बैंक बड़ा खरीददार रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि डब्ल्यूजीसी के अनुसार, केंद्रीय बैंक की खरीद का मौजूदा पैमाना बहुत बड़ा है - पिछले एक दशक में औसतन 512 टन. सोने के बाजार को जो समर्थन मिल रहा है उसकी बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन-ताइवान भू-राजनीतिक तनाव है.

युद्ध के बीच सेफ इनवेस्टमेंट में बढ़ी लोगों की रूचि

रूस-यूक्रेन युद्ध की चिंता लोगों को सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ा रही है. ऊपर से, फिनलैंड को नाटो में प्रवेश दिया गया, जिसके बाद नाटो रूस की सीमा तक आ गया, जिसने दुनिया में और अनिश्चितता बढ़ा दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक और अनिश्चितता जो शायद अल्पकालिक हो, वह अमेरिकी बैंकिंग चिंताएं हैं, जिसमें एसवीबी और क्रेडिट सुइस के पतने से घबराहट पैदा हुई और सोने और चांदी में निवेश बढ़ गया.

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