नई दिल्ली: दिल्ली के एम्स, कलावती सरन अस्पताल और चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय के बाद अब सफदरजंग अस्पताल भी बच्चों के डायलिसिस के लिए तैयार है. किडनी की बीमारी के शिकार बच्चों को मुफ्त में डायलिसिस देने वाला सफदरजंग अस्पताल केंद्र सरकार का दूसरा अस्पताल होगा, जो मशीनों और स्टाफ के साथ तैयार है.
बच्चों को मुफ्त में डायलिसिस देने वाला अस्पताल तैयार
दरअसल किडनी जब ब्लड को शुद्ध करने का अपना काम करना बंद कर देती है तो मशीन के जरिए ब्लड को शुद्ध करके वापस मशीन में भेजा जाता है. बच्चों के मामले में डायलिसिस की मशीन तो बड़ों जैसी ही होती है, लेकिन मशीन में ब्लड फ्लो सेटिंग, बच्चों का कैन्युला और कैथटर अलग होते हैं.
प्राइवेट सेंटर में एक बार के डायलिसिस में 1 से 5 हजार तक खर्च आ सकता है. दिल्ली में अभी सफदरजंग अस्पताल में जो बच्चे आते थे, उन्हें एम्स या कलावती सरन अस्पताल में रेफर किया जाता था. लेकिन अब यहीं सुविधा शुरू होने से गरीब तबके को राहत हो गई है.
जरूरत पड़ने पर अस्पताल में बढ़ाई जा सकती हैं मशीनें
फिलहाल सफदरजंग अस्पताल को सरकार से दो मशीनें मिली हैं. जिसमें एक दिन में चार डायलिसिस किए जा सकेंगे. हालांकि अभी डायलिसिस शुरु नहीं हुआ है लेकिन इस सप्ताह से ये सुविधा शुरू हो सकती है. अस्पताल की बच्चों के डिपार्टमेंट की हेड डॉ रानी गेरा के मुताबिक अब अस्पताल में ज्यादा बच्चे इस सुविधा का लाभ उठाने आ सकेंगे. जरूरत पड़ने पर मशीनें बढ़ाई जा सकती हैं.
अस्पताल ने 2016 में केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय से बच्चों के डायलिसिस की सुविधा मांगी थी 2023 में जाकर मशीनें लगाई जा सकी हैं. देश में चुनिंदा सरकारी अस्पतालों में बच्चों के डायलिसिस के लिए सुविधा मौजूद है.
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