पराली जलाने की वजह से खराब हो रही दिल्ली की हवा, तेजी से बढ़ रहा है प्रदूषण

दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बुधवार को बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई, जो अब तक इस वर्ष सबसे अधिक है. पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि और अनुकूल परिवहन-स्तरीय हवा की गति के कारण ऐसा हुआ है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 2, 2022, 11:02 PM IST
  • पराली जलाने की वजह से खराब हो रही दिल्ली की हवा
  • इस साल अभी तक सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं
पराली जलाने की वजह से खराब हो रही दिल्ली की हवा, तेजी से बढ़ रहा है प्रदूषण

नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में तेजी से गिरती हवा की क्वालिटी के पीछे पराली जलाने की घटनाएं एक सबसे बड़ी वजह के तौर पर सामने आ रही हैं. बुधवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण पीएम2.5 पर पहुंच गया. 

दिल्ली के प्रदूषण में परासी की हिस्सेदारी 32 फीसदी

दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बुधवार को बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई, जो अब तक इस वर्ष सबसे अधिक है. पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि और अनुकूल परिवहन-स्तरीय हवा की गति के कारण ऐसा हुआ है. 

इस साल अभी तक सबसे अधिक पराली जलाने की घटनाएं

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने बुधवार को पंजाब में पराली जलाने की 3,634 घटनाओं की सूचना दी, जो इस साल अब तक का सबसे अधिक है. पंजाब में मंगलवार को यह संख्या 1,842, सोमवार को 2,131, रविवार को 1,761, शनिवार को 1,898 जबकि शुक्रवार को 2,067 थी. 

इस वजह से दिल्ली में घुस रहा पराली का धुंआ

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि अनुकूल परिवहन-स्तरीय हवा की गति के कारण दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई. परिवहन-स्तर की हवाएं वातावरण की सबसे निचली दो परतों - क्षोभमंडल और समताप मंडल में चलती हैं और खेतों में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लाती हैं. 

पराली जलाने की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय

पीएम2.5 महीन कण होते हैं जो 2.5 माइक्रोन या उससे कम व्यास के होते हैं और श्वास नली में गहराई तक जा सकते हैं, फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं और रक्तप्रवाह में भी प्रवेश कर सकते हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस साल पंजाब में पराली जलाने की बढ़ती घटनाएं 'गंभीर चिंता का विषय' हैं.

15 दिनों तक सबसे खराब हवा में सांस लेते हैं दिल्ली के लोग

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में लोग एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच सबसे खराब हवा में सांस लेते हैं. क्योंकि इस दौरान पराली जलाने की घटनाएं काफी अधिक होती हैं. दिल्ली में एक नवंबर से 15 नवंबर तक पीएम2.5 का स्तर औसतन 285 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया जाता है. 

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