सैलरी में TDS कटौती के लिए कंपनियों को करना होगा ये काम, CBDT ने दिया ये अहम निर्देश

आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बुधवार को कहा कि नियोक्ताओं को कर्मचारियों से चालू वित्त वर्ष में कर्मचारियों से उनकी पसंदीदा कर व्यवस्था के बारे में पूछना होगा और उसके अनुसार की स्रोत पर कर कटौती (TDS) करनी होगी.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 6, 2023, 09:04 AM IST
  • नई कर व्यवस्था में नहीं मिलेगी छूट
  • नई कर व्यवस्था के बारे में जानिए
सैलरी में TDS कटौती के लिए कंपनियों को करना होगा ये काम, CBDT ने दिया ये अहम निर्देश

नई दिल्लीः आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बुधवार को कहा कि नियोक्ताओं को कर्मचारियों से चालू वित्त वर्ष में कर्मचारियों से उनकी पसंदीदा कर व्यवस्था के बारे में पूछना होगा और उसके अनुसार की स्रोत पर कर कटौती (TDS) करनी होगी. 

...तो नई कर व्यवस्था के तहत वेतन से होगी कटौती
यदि कोई कर्मचारी अपने नियोक्ता को अपनी पसंद की कर व्यवस्था के बारे में नहीं बताता है, तो नियोक्ता को आम बजट 2023-24 में घोषित नई संशोधित कर व्यवस्था के अनुसार वेतन से टीडीएस की कटौती करनी होगी. 

नई कर व्यवस्था में नहीं मिलेगी कोई छूट
व्यक्तिगत करदाताओं के पास यह चुनने का विकल्प है कि वे छूट और कटौती की पेशकश करने वाली पुरानी कर व्यवस्था में रहना चाहते हैं या नई कर व्यवस्था को अपनाना चाहते हैं. नई कर व्यवस्था में कर दरें कम हैं, लेकिन कोई छूट नहीं है. 

सीबीडीटी ने कर कटौती को लेकर जारी किया स्पष्टीकरण
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने चालू वित्त वर्ष में नियोक्ताओं की ओर से स्रोत पर कर कटौती के बारे में बुधवार को स्पष्टीकरण जारी किया. स्पष्टीकरण के मुताबिक, नियोक्ताओं को अपने प्रत्येक कर्मचारी से उनकी मनपसंद कर व्यवस्था के बारे में जानकारी लेनी होगी और अपनाई गई कर व्यवस्था के अनुसार टीडीएस कटौती करनी होगी.

नई कर व्यवस्था के बारे में जानिए 
बता दें कि 1 अप्रैल से नई कर व्यवस्था लागू हो गई है. इसमें कई बदलाव किए गए हैं. हालांकि, लोग पुरानी कर व्यवस्था का भी लाभ उठा सकते हैं. नई कर व्यवस्था में 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 3 से 6 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. 6 से 9 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा.

वहीं, 9 से 12 लाख की आय पर 15 फीसदी टैक्स की देनदारी होगी. 12 से 15 लाख तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स देय होगा. 15 लाख रुपये से ज्यादा की वार्षिक आय पर 30 फीसदी टैक्स पड़ेगा. हालांकि, नई टैक्स व्यवस्था में धारा 87ए के तहत मिलने वाली रिबेट को 7 लाख तक कर दिया गया है. वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50 हजार तक की छूट हासिल की जा सकती है.

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