नई दिल्ली: इंजीनियरिंग के लिए होने वाली जेईई मेंस, मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट' और कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट (CUET-UG) को एक साथ कराने को लेकर बड़ा अपडेट आया है. इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की बड़ी तैयारी है.
शिक्षण संस्थानों की ली जा सकती है राय
दरअसल, इस विषय पर देशभर के शिक्षण संस्थानों की राय ली जा सकती है. हालांकि, आईआईटी में दाखिले के लिए होने वाला जेईई एडवांस इन परीक्षाओं के साथ मर्ज नहीं किया जा सकता है. यूजीसी का कहना है कि फिलहाल इन परीक्षाओं को एक साथ करवाने का कोई निर्णय लिया नहीं गया है, न ही निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है. इस विषय में क्या निर्णय लिया जाता है यह सभी स्टेकहोल्डर से राय परामर्श के उपरांत ही तय किया जा सकेगा.
'छात्रों को बार-बार देनी पड़ती है परीक्षाएं'
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया कि जेईई मेंस, नीट और सीयूईटी यूजी में गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी जैसे विषयों के लिए छात्रों को अलग-अलग और बार-बार परीक्षाएं देनी पड़ती है, लेकिन यदि इन परीक्षाओं को मर्ज कर दिया जाए तो छात्र एक बार में ये परीक्षाएं दे सकते हैं.
'आम सहमति के बाद लिया जाएगा फैसला'
यूजीसी चेयरमैन का कहना है कि ऐसा कोई भी निर्णय फिलहाल नहीं लिया गया है, न ही ऐसा कोई निर्णय अचानक लिया जाएगा. फिलहाल एक विचार पेश किया गया है और इस पर विभिन्न संस्थानों एवं स्टेकहोल्डर्स की राय ली जाएगी. आम सहमति बनने पर ही कोई निर्णय लिया जा सकता है.
जेईई एडवांस की परीक्षा होगी अलग
यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा, प्रस्ताव यह है कि क्या हम इन सभी प्रवेश परीक्षाओं को एकीकृत कर सकते हैं. इन परीक्षाओं को एकीकृत करने का उद्देश्य यह है कि छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक सिंगल प्रवेश परीक्षा होनी चाहिए. हालांकि इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि जेईई एडवांस को इन परीक्षाओं में मर्ज नहीं किया जा सकता. जेईई एडवांस की परीक्षाएं अलग से ली जाएंगी.
करीब 43 लाख छात्र देते हैं परीक्षा
जेईई मेंस, 'नीट' और कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट (सीयूईटी यूजी) में कुल मिलाकर करीब 43 लाख उम्मीदवार अलग-अलग स्तर पर परीक्षा देते हैं. सीयूईटी यूजी को तो इसी वर्ष से लागू किया गया है और इससे जुड़ी परीक्षाएं अभी चल रही हैं. ये परीक्षाएं देशभर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत कुल 91 विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों हेतु दाखिले के लिए ली जा रही है.
जगदीश कुमार के अनुसार, तीनों परीक्षाओं को एक साथ कराने का विचार इसलिए भी दिया गया है ताकि छात्रों को अलग-अलग परीक्षाओं के तनाव से न गुजरना पड़े. हालांकि यूजीसी चेयरमैन ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
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