गिरता AQI जान के लिए खतरा, डॉक्टर बोले- खराब हवा कैंसर की वजह

शहरी केंद्रों में हवा की गुणवत्ता की बात करें तो स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, जबकि वैज्ञानिक शोधों ने पुष्टि की है कि खराब हवा की स्थिति कैंसर का कारण बन रही है. दिल्ली में AQI खराब स्तर पर बना हुआ है. हवा का खराब स्तर धीरे धीरे हमारे हेल्थ के लिए भी खतरनाक होता जा रहा है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 22, 2022, 05:09 PM IST
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गिरता AQI जान के लिए खतरा, डॉक्टर बोले- खराब हवा कैंसर की वजह

नई दिल्ली: सर्दियों की शुरुआत होने के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली समेत देश में कई जगहों पर हवा की हालत काफी खराब होती जा रही है. दिल्ली में AQI खराब स्तर पर बना हुआ है. हवा का खराब स्तर धीरे धीरे हमारे हेल्थ के लिए भी खतरनाक होता जा रहा है. यहां तक कि अब वायु प्रदूषण से कैंसर जैसी दर्दनाक और जानलेवा बीमारियों के होने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. 

खराब हवा कैंसर की वजह

शहरी केंद्रों में हवा की गुणवत्ता की बात करें तो स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, जबकि वैज्ञानिक शोधों ने पुष्टि की है कि खराब हवा की स्थिति कैंसर का कारण बन रही है. बेंगलुरु के फोर्टिस अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग और रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के डायरेक्टर डॉ संदीप नायक पी के मुताबिक पिछले कुछ सालों के दौरान वायु प्रदूषण कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक के तौर पर सामने आया है. 

हवा की वजह से हर साल कैंसर के इतने मामले

डॉ संदीप नायक पी के द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक वायु प्रदूषण, सेकेंड हैंड स्मोक, रेडॉन, अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन, एस्बेस्टस, कुछ केमिकल्स और अन्य प्रदूषकों के संपर्क में आने से बेंगलुरु सहित भारत में सभी कैंसर के 10 प्रतिशत से अधिक मामले सामने आते हैं.  पिछले दशकों में इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि वायु प्रदूषण कई प्रकार के कैंसर से जुड़ा हुआ है. साल 2013 में, WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के लिए काम करने वाले अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम ने उपलब्ध सभी शोधों को देखा और निष्कर्ष निकाला कि वायु प्रदूषण मनुष्यों में कैंसर का कारण बनता है, खास तौर पर लंग कैंसर का. 

इस वजह से बढ़ रहा है लंग कैंसर

जब कैंसर के खतरे की बात आती है, तो अब तक के शोध से पता चलता है कि धूल जैसे छोटे कण एक मीटर चौड़े तथाकथित 'पार्टिकुलेट मैटर' मुख्य रुप से जिम्मेदार पाए जाते हैं. विशेष रूप से, एक मीटर के 2.5 मिलियनवें हिस्से से कम के सबसे छोटे कण, जिन्हें पीएम25 के रूप में जाना जाता है. ये प्रदूषण के कारण होने वाले फेफड़ों के कैंसर के पीछे की बड़ी वजह है.

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