नई दिल्ली: मानसून का मौसम चिलचिलाती गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन साथ में बहुत सी बीमारियों का खतरा भी बढ़ाता है. जानें बरसात के मौसम से जुड़ी इन पांच बीमारियां के बारे में जिनसे आपको सावधान रहना चाहिए...
1. डेंगू बुखार: डेंगू बुखार मच्छरों से फैलने वाला एक वायरल संक्रमण है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और छोटे-छोटे दाने शामिल हैं. डेंगू बुखार का कोई विशेष उपचार नहीं है, इसलिए रोकथाम बहुत जरूरी है. डेंगू बुखार से बचाव के लिए, अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी या मच्छर मारने वाली मशीनें और क्वाइल का उपयोग करें और पूरी आस्तीन वाली शर्ट और पैंट पहनें.
2. मलेरिया: मलेरिया, मच्छर से पैदा होने वाली बीमारी है जिसका इलाज न किया जाए तो यह मौत का कारण बन सकती है. लक्षणों में बुखार, ठंड लगना और कुछ फ्लू जैसे लक्षण शामिल हैं. मलेरिया से बचाव के लिए, सोते समय मच्छरदानी और रिपेलेंट्स का प्रयोग घर में रोज करें, लंबी बाजू वाली शर्ट और पैंट पहनें और अगर आप मलेरिया के जोखिम वाले क्षेत्र में जा रहे हैं तो मलेरिया-रोधी दवा जरूर लें. सरकार द्वारा भी बहुत सी योजनाएं मलेरिया रोकथाम के लिए चलाई जाती है जैसे सड़कों के किनारे की नालियों पर दवा का झिड़काव करवाना.
3. हैजा: हैजा एक जीवाणु संक्रमण है जो दूषित भोजन और पानी से फैलता है. इसके लक्षणों में पतले दस्त, उल्टी और पानी की कमी शामिल है. हैजा से बचाव के लिए केवल उबला हुआ पानी पिएं, कच्चे या अधपके भोजन से बचें और घर में सफाई बनाएं रखें.
4. एलर्जी: बरसात के मौसम में मानसून एलर्जी आम है. मानसून के मौसम में नमी बढ़ने से फफूंद जल्दी पनपती है, जो एलर्जी का कारण बनती है. मानसून एलर्जी के लक्षणों में छींक आना, नाक बहना, आंखों में खुजली और खांसी शामिल हैं.
5. टायफाइड: टाइफाइड बुखार दूषित भोजन और पानी से फैलने वाला एक संक्रमण है. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द और दस्त शामिल हैं. टायफाइड बुखार अगर अधिक बढ़ जाता है तो इसमें खून की कमी भी हो सकती है. इससे बचने के लिए आप बाहर का खाना बिल्कुल न खायें, साफ-सफाई पर ध्यान रखें.
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