Asia Cup: एशिया का किंग बनने की सबसे बड़ी जंग 27 अगस्त को शुरू होगी जब श्रीलंका की भिड़ंत अफगानिस्तान से होगी. भारतीय टीम अपने अभियान का आगाज पाकिस्तान के खिलाफ इसके अगले दिन यानी 28 अगस्त से करेगी. टीम इंडिया के लिए ये एशिया कप सबसे अहम है क्योंकि भारत मौजूदा चैंपियन भी है और उसे अपना टाइटल बचाने के लिए जद्दोजहद करनी होगी, साथ ही टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्डकप के पहले अपनी ताकत समझने का मौका भी मिलेगा.
सेलेक्टर संकेत दे चुके हैं कि जो टीम टी20 वर्ल्डकप में हिस्सा लेगी, उसे ही एशिया कप में मौका दिया जाएगा. भारतीय टीम के कई खिलाड़ी अपनी खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं और उन्हें एशिया कप में अपनी पुरानी लय हासिल करनी होगी. एशियाई देशों के सबसे बड़े टूर्नामेंट में हमेशा भारत का दबदबा रहा है. एशिया का वर्तमान बादशाह भी भारत ही है.
जानिए एशिया कप का इतिहास
एशिया कप का पहली बार आयोजन 1984 में हुआ था. इस टूर्नामेंट को जीतने वाली टीम एशिया चैंपियन कहलाती है और यह टूर्नामेंट हर दो साल बाद आयोजित किया जाता है. पहला एशिया कप 1984 में खेला गया था और पिछला 2018 में.
एशिया कप वनडे और टी20 फॉर्मेट में खेला जाता है और इसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, यूएई समेत एशियाई देशों की टीमें हिस्सा लेती हैं. पहली बार टी 20 फॉर्मेट में 2016 में एशिया कप हुआ था तब भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने बांग्लादेश को हराकर खिताब जीता था.
7 बार भारत ने जीता एशिया कप
भारत 7 बार एशिया कप का चैंपियन रह चुका है. भारतीय टीम ने धोनी की कप्तानी में 2 बार ये खिताब जीता जबकि पिछली बार रोहित शर्मा की अगुवाई में एशिया कप पर कब्जा किया किया था. श्रीलंका 5 बार चैंपियन रह चुका है. पाकिस्तान ने भी 2 बार ये खिताब जीता है. 2018 के बाद एशिया कप 2020 में पाकिस्तान में होना था. भारत और पाकिस्तान के राजनीति रिश्तों की वजह से इसे श्रीलंका में होना तय हुआ था, लेकिन कोरोना के चलते इसे 2021 के लिए बढ़ा दिया गया था.
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