नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के कारण एक साल के विलंब से हुए तोक्यो खेल अब तक के सबसे महंगे ओलंपिक साबित हुए हैं जिसमें 2013 में मेजबानी के मिलने के समय लगाए गए अनुमान से लगभग दोगुना खर्च हुआ है.
टोक्यो ओलंपिक साबित हुआ अब तक का सबसे खर्चीला
टोक्यो खेलों के आयोजन में लगभग 1.42 ट्रिलियन येन (लगभग 8.19 खरब रुपये) खर्च हुए. टोक्यो ओलंपिक अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी बैठक की जिसमें इन खेलों के जुड़े खर्च के अंतिम विवरण को रखा गया.
इस महीने खत्म कर दी जाएगी आयोजन समिति
इस आयोजन समिति को इस महीने के आखिर में खत्म कर दिया जायेगा. डॉलर और जापान की मुद्रा येन के बीच विनिमय दर में हालिया उतार-चढ़ाव के कारण हालांकि लागत की गणना करना चुनौतीपूर्ण है. पिछले साल जब खेलों का आयोजन शुरू हुआ था तब एक डॉलर लगभग 110 येन के बराबर था जबकि सोमवार को यह 135 येन के करीब रहा.
ओलंपिक खत्म होने के बाद 12 खरब रुपए खर्च होने का लगाया था अनुमान
यह येन के मुकाबले डॉलर का लगभग 25 वर्षों में उच्चतम स्तर है. जब ये खेल संपन्न हुए थे तब आयोजकों ने इसमें 15.4 बिलियन डॉलर (लगभग 12 खरब रुपये) के खर्च होने का अनुमान लगाया था. इसके चार महीने के बाद आयोजकों ने कहा कि इसकी कुल लागत 13.6 बिलियन डॉलर (लगभग 10.61 खरब रूपये) है.
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उन्होंने कहा कि प्रशंसकों के स्टेडियम में नहीं होने से इसमें बड़ी बचत हुई है. सुरक्षा लागत, स्थल रखरखाव आदि पर खर्च कम हुए. इससे हालांकि आयोजकों को टिकट बिक्री से होने वाली आय का नुकसान भी हुआ.
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