ऐतिहासिक डेब्यू के बावजूद इन 4 खिलाड़ियों को नहीं मिला धोनी का साथ, जिम्बाब्वे की धरती बनी 'अभिशाप'

India Tour of Zimbabwe 2022: जिम्बाब्वे दौरे को युवा खिलाड़ियों के लिए ज्यादा लाभप्रद नहीं माना जाता. इस टूर पर जो खिलाड़ी डेब्यू करता है, उसका करियर ज्यादा दिन नहीं चलता.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 21, 2022, 06:38 PM IST
  • जिम्बाब्वे दौरे पर ही समाप्त हो गया करियर
  • इन 4 खिलाड़ियों को डेब्यू कराकर भूले सेलेक्टर
ऐतिहासिक डेब्यू के बावजूद इन 4 खिलाड़ियों को नहीं मिला धोनी का साथ, जिम्बाब्वे की धरती बनी 'अभिशाप'

नई दिल्ली: India Tour of Zimbabwe 2022: भारतीय टीम इस समय जिम्बाब्वे दौरे पर है. केएल राहुल की अगुवाई में टीम इंडिया 3 मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से आगे है और सीरीज में अजेय बढ़त हासिल कर चुकी है. टीम के कई सीनियर खिलाड़ियों को इस दौरे पर आराम दिया गया है और युवा खिलाड़ियों को मौके मिल रहे हैं. 

जिम्बाब्वे दौरे पर ही समाप्त हो गया करियर

जिम्बाब्वे दौरे को युवा खिलाड़ियों के लिए ज्यादा लाभप्रद नहीं माना जाता. इस टूर पर जो खिलाड़ी डेब्यू करता है, उसका करियर ज्यादा दिन नहीं चलता. हालांकि ये एक अंधविश्वास है लेकिन इसके पीछे भी एक तर्क है. टीम इंडिया के कई उदीयमान खिलाड़ी हैं जिन्होंने जिम्बाब्वे में डेब्यू किया लेकिन उनका करियर वहीं खत्म हो गया. 2008 से लेकर 2017 तक एमएस धोनी टीम इंडिया के नियमित कप्तान रहे. इस दौरान कई खिलाड़ियों ने कमाल का डेब्यू किया. 

इन 4 खिलाड़ियों को डेब्यू कराकर भूले सेलेक्टर

फैज उजल
मनदीप सिंह
पंकज सिंह
नमन ओझा

फैज फजल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ ही डेब्यू किया और अर्द्धशतक भी जड़े लेकिन इसके बाद उन्हें मौका नहीं मिला.उन्होंने 55 रन बनाए थे. लेकिन फिर उन्हें सेलेक्टर भूल गए. वहीं मनदीप सिंह ने भी जिम्बाब्वे के खिलाफ उसी की धरती पर डेब्यू किया. उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ 3 टी20 में 87 रन बनाए. इसके बाद उन्हें कभी मौका नहीं मिला. इन सभी खिलाड़ियों को कप्तान धोनी का समर्थन नहीं मिला. जिम्बाब्वे दौरे के बाद इन खिलाड़ियों को भुला दिया गया. 

नमन ओझा को भी नहीं मिला कप्तान धोनी का साथ

तेज गेंदबाज पंकज सिंह भी इस लिस्ट में शामिल हैं. उन्होंने 2010 में सुरेश रैना की कप्तानी भारत, जिम्बाब्वे और श्रीलंका के बीच खेली गई ट्राई सीरीज में डेब्यू किया था. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ जिम्बाब्वे की धरती पर पदार्पण किया. वो मैच उनके करियर का इकलौता मैच साबित हुआ. 

नमन ओझा ने भी जिम्बाब्वे की धरती पर डेब्यू किया. वनडे डेब्यू करने के बाद वे टीम से बाहर कर दिए गए. उन्हें टेस्ट में भी मौका मिला लेकिन सेलेक्टरों और तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी ने उन पर ज्यादा भरोसा नहीं किया. यहीं से उनका करियर खत्म हो गया. नमन ओझा अब रिटायरमेंट भी ले चुके हैं. 

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