नई दिल्लीः पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का मानना है कि भारतीय टीम को कभी भी कठिन पिचों पर खेलने के बारे में शिकायत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उनका कहना है कि खराब पिचों ने हमेशा रोहित शर्मा एंड कंपनी से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराया है. सेंचुरियन में तीन दिन के भीतर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक पारी और 32 रन से हार झेलने के बाद भारत ने केपटाउन में दूसरे टेस्ट में एक मुश्किल पिच पर सात विकेट की जीत के साथ वापसी की जिसमें हमेशा अधिक उछाल और सीम मूवमेंट होती थी.
भारत ने बराबरी की सीरीज
यह जीत सात मैचों में केपटाउन में भारत की पहली जीत भी है. इस कमबैक के दम पर भारत दो मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर करने में कामयाब रहा.चोपड़ा ने कहा, "जब एक टेस्ट मैच डेढ़ दिन तक चलता है, तो कुछ अलग नतीजे आते हैं. पिच को लेकर कुछ बातें हो रही हैं. कुछ प्रश्न पूछे गए हैं, भारत ने प्रस्तावित पिचों की गुणवत्ता के बारे में कभी शिकायत नहीं की है."
जानें क्या बोले आकाश चोपड़ा
पिछली बार वांडरर्स की पिच वाकई ख़राब थी. ईमानदारी से कहूं तो इस पर किसी खिलाड़ी को चोट लग सकती थी. केपटाउन की यह पिच भी खराब थी. चोपड़ा ने कहा, "भारत ने अभी भी खेल पर ध्यान केंद्रित किया और कोई शिकायत नहीं की. मुझे पर्थ ऑस्ट्रेलिया की वह पिच भी याद है और यह सचमुच बहुत बुरा था."
"उन्होंने सिर्फ प्रतिस्पर्धा की और लड़ाई का जज्बा दिखाया. जब पिच खराब होती है तो वह किसी न किसी तरह भारतीय टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराती है. मुझे लगता है कि भारत के लिए न तो ऐसी पिचें और न ही धूल भरी पिचें अच्छी हैं. यह क्रिकेट के खेल के लिए सही नहीं है.''
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