IND vs SL, 2nd T20I: भारत और श्रीलंका के बीच खेली जा रही 3 मैचों की टी20 सीरीज के पहले ही मैच में ड्रीम डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज शिवम मावी ने अपने इरादे साफ कर दिये हैं और साफ किया है कि वो देश के सबसे सफल गेंदबाजों में अपना नाम शुमार करना चाहते हैं. शिवम मावी ने मंगलवार को वानखेड़े के मैदान पर खेले गये पहले मैच में शुबमन गिल के साथ डेब्यू किया और पहले ही मैच में 4 विकेट हॉल लेकर इतिहास रच दिया.
ड्रीम डेब्यू करते हुए तेज गेंदबाज शिवम मावी ने अपनी खतरनाक गेंदबाजी के पीछे का राज बताते हुए साफ किया कि उनका टारगेट पावरप्ले में स्टंप्स को निशाना बनाकर जल्दी विकेट लेना होता है. श्रीलंका के खिलाफ वानखेड़े में खेले गये अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच में मावी ने पावरप्ले में खतरनाक गेंदबाजी की और सलामी बल्लेबाज पथुम निसांका (1) और धनंजया डिसिल्वा (8) को आउट किया.
चयनकर्ताओं को मिली राहत
मावी ने मैच में 22 रन देकर चार विकेट चटकाए जिससे चयनकर्ताओं को राहत मिली होगी जो सीमित ओवरों के प्रारूप में जसप्रीत बुमराह के जोड़ीदार की तलाश कर रहे हैं. तीन मैचों की टी20 श्रृंखला के शुरुआती मैच में भारत की दो रन से जीत के बाद टीम के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने युवा मावी से पूछा कि जब कप्तान हार्दिक पांड्या ने उन्हें नई गेंद सौंपी तो उनके दिमाग में क्या चल रहा था.
फिटनेस पर काम करने का मिला फायदा
पिछले छह साल से भारत की सीनियर टीम में डेब्यू का इंतजार कर रहे नोएडा के इस क्रिकेटर को लेकर गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने जमकर तारीफ की और उनके अंडर-19 के दिनों से ही काम के प्रति लगन, उनके ‘मेहनती रवैये’ और चोटों से वापसी करने तथा घरेलू सर्किट में खेलने के उनके संकल्प की भी सराहना की.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मुख्य एजेंडा पावरप्ले में आक्रमण करना था क्योंकि मैं हमेशा एलबीडब्ल्यू आउट करने की कोशिश करता हूं... बाउंड्री लगे या नहीं, मेरी मानसिकता विकेट लेने की होती है. अंडर-19 (2018 में विश्व कप) के बाद जब मैं आईपीएल में खेला तो मुझे चोटें लगीं लेकिन मैंने अपनी फिटनेस के स्तर को बेहतर करने का फैसला किया क्योंकि मैं अपने प्रदर्शन के बीच चोटिल हो रहा था. मैंने अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करने का फैसला किया और इसका मुझे इस मैच में फायदा मिला.’
पहले ही मैच में मौका मिलना, सपने के सच होने जैसा
मावी ने कहा कि भारत के लिए खेलने का मौका मिलना उनके लिए सपना साकार होने जैसा है क्योंकि टीम की 15 में जगह बनाने के बाद भी किसी खिलाड़ी को पहले ही मैच में मौका मिलना काफी मुश्किल होता है.
इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘पहले ही मैच में मौका मिलना मुश्किल होता है. साथ ही यह मेरा पहला दौरा भी है. आपने देखा होगा कि मौका मिलना आसान नहीं होता और मैं इस लम्हें का पिछले छह साल से इंतजार कर रहा था जब मैं अंडर-19 (विश्व कप) के बाद चोटिल हो गया था. लेकिन मुझे स्वयं पर विश्वास है और मैंने इस भरोसे के साथ कड़ी मेहनत जारी रखी कि मुझे भारत के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है.’
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