IND vs AUS: चोट के चलते खत्म होने वाला था करियर, रविंद्र जडेजा ने वापसी के बाद सुनाई दर्द भरी दास्तां

IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 9 फरवरी से नागपुर के मैदान पर शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के लिये टीम के हरफनमौला खिलाड़ी रविंद्र जडेजा ने फिटनेस के साथ वापसी कर ली है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 6, 2023, 02:55 PM IST
  • करियर खत्म करने वाली चोट का थे शिकार
  • आसान नहीं था सर्जरी कराने का डिसीजन
IND vs AUS: चोट के चलते खत्म होने वाला था करियर, रविंद्र जडेजा ने वापसी के बाद सुनाई दर्द भरी दास्तां

IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 9 फरवरी से नागपुर के मैदान पर शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के लिये टीम के हरफनमौला खिलाड़ी रविंद्र जडेजा ने फिटनेस के साथ वापसी कर ली है. एशिया कप के दौरान चोटिल हुए रविंद्र जडेजा लगभग 5 महीनों तक खेल के मैदान से दूर रहे और ऑस्ट्रेलिया में खेले गये टी20 विश्वकप का भी हिस्सा नहीं बन सके. टीम के साथ फिर से जुड़ने के बाद रविंद्र जडेजा ने पहली बार अपने घुटने की सर्जरी से उबरने और लगभग 5 महीने तक मैदान से दूर रहने को लेकर चुप्पी तोड़ी है.

करियर खत्म करने वाली चोट का थे शिकार

रविंद्र जडेजा ने सीरीज में वापसी करने के साथ ही कहा कि वो खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि करियर खत्म कर देने वाली चोट से उबरकर उन्हें फिर से टीम में वापसी करने का मौका मिला है.

बीसीसीआई टीवी पर दिये इंटरव्यू में जडेजा ने कहा,' मैं वापसी कर के बहुत उत्साहित और खुश हूं कि लगभग पांच महीने के बाद मुझे फिर से भारतीय जर्सी पहनने का मौका मिला है. मैं धन्य हूं कि मुझे फिर से मौका दिया गया और यहां तक पहुंचने का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा. अगर आप पांच महीने तक क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं, तो यह बहुत निराशाजनक हो जाता है. मैं जल्द से जल्द फिट होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था ताकि भारत के लिए खेल सकूं.’ 

आसान नहीं था सर्जरी कराने का डिसीजन

रविंद्र जडेजा ने आगे खुलासा किया कि वर्ल्ड कप से ठीक पहला या बाद सर्जरी कराना मेरे खुद के लिये आसान फैसला नहीं था और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये, हालांकि अंत में मैंने डॉक्टर की सलाह के साथ जाने का ही फैसला किया. हालांकि सर्जरी होने के बाद से टीम में वापसी करने की अवधि काफी कठिन थी लेकिन अपने देश की जर्सी पहनने की प्रेरणा ने उन्हें इस मुश्किल समय से बाहर निकलने में काफी मदद की. 

उन्होंने कहा, ‘मेरे घुटने में चोट लगी थी जिसके चलते जल्दी से जल्दी सर्जरी करानी थी. एशिया कप के तुरंत बाद विश्वकप होना था तो ऐसे में मुझे इससे पहले या बाद में ये सर्जरी करानी थी, लेकिन मुझे यह फैसला लेना था कि यह विश्व कप से पहले होगा या उसके बाद. डॉक्टर्स ने भी मुझे विश्व कप से पहले इसे करने की सलाह दी. विश्व कप में मेरे खेलने की संभावना वैसे भी काफी कम थी. इसलिए मैंने अपना मन बनाया और सर्जरी करवा ली. उसके बाद की अवधि (सर्जरी) काफी कठिन थी क्योंकि आपको लगातार रिहैब (चोट से उबरने की प्रक्रिया) और प्रशिक्षण करना पड़ता है. जब मैं टेलीविजन पर मैच देखता था तो मेरी दिमाग में चोटिल होने के कारण नहीं खेलने का मलाल रहता था. जब मैं विश्व कप देख रहा था, तो मैं चाहता था कि मैं भी वहां रहूं. ये छोटी चीजें आपको रिकवरी प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रेरित करती हैं. राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के फिजियो और ट्रेनर ने मेरे घुटने पर काफी मेहनत की. रविवार को एनसीए बंद होने के बाद भी वे मेरे इलाज के लिए आते थे. चोट के बाद के दो महीने विशेष रूप से कठिन थे क्योंकि मैं कहीं नहीं जा सकता था, मैं ठीक से चल भी नहीं सकता था. वह काफी महत्वपूर्ण समय था और मेरा परिवार और दोस्त मेरे साथ खड़े थे. एनसीए के प्रशिक्षकों ने भी मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया.’

कैसा था रणजी में खेलने का अनुभव

गौरतलब है कि चोट से उबरने के बाद रविंद्र जडेजा ने रणजी ट्रॉफी में शिरकत की और चेन्नई में तमिलनाडु की टीम की कप्तानी करते हुए सौराष्ट्र के खिलाफ मैच खेला. इस मैच में रविंद्र जडेजा ने 6 विकेट हासिल करते हुए सफल वापसी की. ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा नौ फरवरी से नागपुर में पहले टेस्ट मैच के साथ शुरू होगा. 

वापसी को लेकर उन्होंने कहा, ‘ पहले मुझे थोड़ा अजीब लगा क्योंकि मैं पांच महीने तक धूप में नहीं गया था. मैं इंडोर ट्रेनिंग कर रहा था इसलिए जब मैं मैदान में गया तो मैं सोच रहा था कि क्या मेरा शरीर टिक सकता है. पहला दिन बहुत कठिन था और हम सभी चेन्नई की गर्मी के बारे में जानते हैं. फिर मेरा शरीर स्थिति के अनुकूल हो गया और मैं अच्छा और फिट महसूस कर रहा था.’ 

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