बर्मिंघम CWG में 4 मेडल जीतने के बाद भी खत्म नहीं हुई पदकों की भूख, अब इस मिशन पर 40 साल का खिलाड़ी

चालीस वर्ष के शरत ने बर्मिंघम खेलों में चार पदक जीते. उन्होंने मिश्रित युगल में स्वर्ण जीता और 16 साल बाद एकल स्वर्ण भी अपने नाम किया. पिछले दो दशक से खेल रहे शरत का अभी संन्यास का इरादा नहीं है और ओलंपिक पदक जीतने के लिये दो साल और खेलना चाहते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 15, 2022, 05:43 PM IST
  • अभी भी नहीं मिली मेडल जीतने की भूख
  • देश में बढ़ी टेबल टेनिस की लोकप्रियता
बर्मिंघम CWG में 4 मेडल जीतने के बाद भी खत्म नहीं हुई पदकों की भूख, अब इस मिशन पर 40 साल का खिलाड़ी

नई दिल्ली: उम्र के साथ प्रदर्शन के मामले में और निखरते जा रहे टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल खेल को अलविदा कहने से पहले ओलंपिक पदक जीतना चाहते हैं और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन ने उनका हौसला बुलंद कर दिया है.

बर्मिंघम में शरत कमल ने जीते 4 मेडल

चालीस वर्ष के शरत ने बर्मिंघम खेलों में चार पदक जीते. उन्होंने मिश्रित युगल में स्वर्ण जीता और 16 साल बाद एकल स्वर्ण भी अपने नाम किया. पिछले दो दशक से खेल रहे शरत का अभी संन्यास का इरादा नहीं है और ओलंपिक पदक जीतने के लिये दो साल और खेलना चाहते हैं.

उन्होंने कहा ,‘‘ राष्ट्रमंडल खेलों में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अच्छा लगा. इस बार मैने चार पदक जीते. फिटनेस सफलता की कुंजी है और मैं खुद को फिट रखने के लिये काफी मेहनत करता आया हूं.’’ 

उन्होंने कहा कि मैं हमेशा अपने शरीर और दिमाग को फिट रखना चाहता हूं क्योंकि युवाओं में काफी फुर्ती है और मुझे उनसे मुकाबला करना है. 

अभी भी नहीं मिली मेडल जीतने की भूख

राष्ट्रमंडल खेलों में 13 और एशियाई खेल 2018 में दो कांस्य पदक जीत चुके शरत ने कहा कि पदक जीतने की भूख अभी भी है. मैं हमेशा बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हूं. अभी दो साल के बारे में सोच रहा हूं. पेरिस ओलंपिक में हम टीम स्पर्धा के लिये क्वालीफाई करके पदक जीत सकते हैं. उन्होंने कहा ,‘‘यह प्रक्रिया है. राष्ट्रमंडल खेलों के बाद एशियाई खेल और फिर ओलंपिक.’’ 

देश में बढ़ी टेबल टेनिस की लोकप्रियता

भारत के सबसे कामयाब टेबल टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि भारत में इस खेल का परिदृश्य बदल गया है. उन्होंने कहा  कि देश में टेबल टेनिस की लोकप्रियता बढी है और मुझे खुशी है कि हम अपने प्रदर्शन से आने वाली पीढी को प्रेरित कर सकें है.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ पहले मेरी रैंकिंग 130 थी जो अब 38 है और साथियान की रैंकिंग 36 है. हमारे पास इतनी ऊंची रैंकिंग वाले खिलाड़ी कभी नहीं थे. 

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