Basant Panchami 2021: सरस्वती पूजा के दिन ये होगा शादियों के लिए शुभ मुहूर्त

मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी (Basant Panchami) इस साल 16 फरवरी को मनाया जाएगा. शादियों जैसे मंगल कार्यों के लिए भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है. प्रकृति में भी इसी दिन से बदलाव दिखने लगते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 10, 2021, 12:50 PM IST
  • शादियों जैसे मंगल कार्यों के लिए भी बहुत शुभ होता है बसंत पंचमी का दिन
  • इस बार मां सरस्वती की पूजा अमृत सिद्धी योग और रवि योग में की जाएगी
Basant Panchami 2021: सरस्वती पूजा के दिन ये होगा शादियों के लिए शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली: ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी (Basant Panchami) इस साल 16 फरवरी को देशभर में धूमधाम से मनाई जाएगी. माघ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाला यह पर्व इस बार रेवती नक्षत्र में मनाया जाएगा. बसंत पंचमी के दिन को बेहद शुभ माना जाता है. इसे शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बेहद खास माना गया है. वहीं शादियों जैसे मंगल कार्यों के लिए भी यह दिन बहुत शुभ है. हालांकि, इस बार यह मुहूर्त सभी के लिए शुभ नहीं है.

अमृत सिद्धी योग में होगी मां सरस्वती की पूजा

16 फरवरी यानी बसंत पंचमी पर इस साल सुबह 3:36 से शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो रही है, जिसका समापन अगले दिन यानी 17 फरवरी को सुबह 5:46 पर होगा. इस बार पड़ने रेवती नक्षत्र में मां सरस्वती की पूजा अमृत सिद्धी योग और रवि योग में की जाएगी. अमृत सिद्धी योग वार और नक्षत के तालमेल से बनता है. बसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 6 घंटे है, जिसमें अभिजात मुहूर्त सुबह 11:41 से दोपहर 12:26 तक है.

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मंगल कार्यों के लिए शुभ है बसंत पंचमी

वैसे, तो सभी मंगल कार्यों के लिए हर साल जरवरी से ही शुभ मुहूर्त शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस साल जनवरी से मार्च तक गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण कोई शुभ मुहूर्त नहीं है. हालांकि, 16 फरवरी को बसंत पंचमी का अबूझ मुहूर्त होने की वजह से इस दिन शादी, मुंडन, हवन पूजन जैसे कार्य किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार शादी के लिए सिर्फ एक मुहूर्त कठिनाई से मिल रहा है. हालांकि, ज्योतिष से परामर्श के अनुसार ही विवाह-आदि की तिथि निश्चित की जा सकती है.

इसके बाद 22 अप्रैल से मुहूर्त शुरू होंगे, जो 31 दिसंबर तक रहेगा. इस बीच लगभग 46 विवाह मुहूर्त रहेंगे.

पूरे भक्ति-भाव से यह दिन मनाते हैं श्रद्धालु

बसंत पंचमी को बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है. इसी कारण श्रद्धालु इस शुभ दिन पर मां गंगा सहित अन्य कई पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं और मां से अर्चना करते हैं. इसी दिन से गेहूं की बलियां भी खिल उठती हैं, वहीं फूलों में बाहर आने लगती है और सरसों के खेत चमक जाते हैं.

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