'प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की आंखें नहीं दिखाई जा सकती': आचार्य सत्येन्द्र दास

Ram Lalla Idol: आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, 'प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने से पहले भगवान राम की मूर्ति की आंखें प्रकट नहीं की जा सकतीं. जिस मूर्ति में भगवान राम की आंखें दिखाई देती हैं वह असली मूर्ति नहीं है. अगर आंखें देखी जा सकती हैं तो आंखें किसने दिखाईं और मूर्ति की तस्वीरें कैसे वायरल हो रही हैं, इसकी जांच होनी चाहिए.'

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jan 20, 2024, 01:44 PM IST
  • मूर्ति की आंखों को दिखाने वाली तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल
  • री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने उठाए सवाल
'प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की आंखें नहीं दिखाई जा सकती': आचार्य सत्येन्द्र दास

Ram Lalla Idol: श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने शनिवार को कहा कि राम लला की मूर्ति की आंखों का अनावरण 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बाद ही होना होता है. 22 जनवरी को होने वाला श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम होगा. अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई मूर्ति, मंदिर के गर्भगृह के अंदर स्थित कर दी गई है. गुरुवार को स्थापना समारोह के दौरान गर्भगृह में ढकी हुई मूर्ति की पहली तस्वीर सामने आई.

हालांकि, राम लला की मूर्ति की आंखों को दिखाने वाली तस्वीरें भी इंटरनेट पर जल्द सामने आईं. ANI से बात करते हुए, आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, 'प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने से पहले भगवान राम की मूर्ति की आंखें प्रकट नहीं की जा सकतीं. जिस मूर्ति में भगवान राम की आंखें दिखाई देती हैं वह असली मूर्ति नहीं है. अगर आंखें देखी जा सकती हैं तो आंखें किसने दिखाईं और मूर्ति की तस्वीरें कैसे वायरल हो रही हैं, इसकी जांच होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'सभी प्रक्रियाएं हमेशा की तरह की जाएंगी. हालांकि, 'प्राण प्रतिष्ठा' तक राम लला की आंखें प्रकट नहीं की जानी चाहिए.' उन्होंने श्री राम लला की टेंट में मूर्ति को मंदिर तक ले जाने की प्रक्रियाओं के बारे में भी बताया.

सीएम योगी कर सकते हैं ये काम
आचार्य दास ने आगे कहा, 'सवाल यह है कि मूर्ति को मंदिर तक कौन ले जाएगा. इससे पहले, मुख्यमंत्री मूर्ति को टेंट से अस्थायी रूप से बने मंदिर तक ले गए. सीएम योगी खुद मूर्ति को मंदिर तक ले जा सकते हैं.' बता दें कि 1992 में, 'कार सेवकों' द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, उस स्थान पर एक तंबू में श्री राम लला की एक अस्थायी मूर्ति स्थापित की गई, जहां पूजा समारोह शुरू हुए.

श्री राम लला की 'तम्बू की मूर्ति' का पूजन तब से शुरू हुआ जब 1949 में हिंदू नेताओं ने मूर्ति को बाबरी मस्जिद के अंदर रख दिया था और तब यह दावा किया गया था भगवान मस्जिद में प्रकट हुए हैं.

22 जनवरी को होने वाली नई रामलला की मूर्ति की 'प्राण प्रतिष्ठा' का आयोजन खुद प्रधानमंत्री मोदी करेंगे. अनुष्ठानों की देखरेख पुजारियों के एक समूह द्वारा की जाएगी, जिसमें लक्ष्मी कांत दीक्षित समारोह का नेतृत्व करेंगे.

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