जयपुर: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट राजनीतिक रूप से अपनी पार्टी में अलग थलग पड़ गए हैं. राजस्थान में अशोक गहलोत के आगे कोई भी उनका साथ नहीं दे रहा है.
सचिन पायलट की मेहनत को दबे स्वर में राजस्थान से बाहर के नेता स्वीकर तो कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गांधी परिवार के द्वारा पायलट के साथ किये गए दुर्व्यवहार पर खुलकर बोलने का साहस कोई नहीं कर पा रहा है.
भाजपा में नहीं जाएंगे सचिन पायलट
I’m not joining BJP: Sachin Pilot to ANI pic.twitter.com/DhbVJs2X4b
— ANI (@ANI) July 15, 2020
सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए बुहत काम किया, पर मैं बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा. गौरतलब है कि अभी सचिन पायलट ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उन्हें कांग्रेस की ओर से सुलह की कोई उम्मीद नजर आ रही है लेकिन जिस तरह गांधी परिवार और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ खड़ा उसे देखकर ये उम्मीद बहुत कम ही लगती है कि उन्हें मनाया जाएगा. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को राजस्थान के स्पीकर ने नोटिस भी थमा दिया है.
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कांग्रेस ने सचिन पायलट से सबकुछ छीन लिया
उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत से राजनैतिक लड़ाई में कांग्रेस ने सचिन पायलट से वो सब छीन लिया, जो पिछले 6-7 वर्षों में कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने हासिल किया था. हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक सचिन पायलट को पार्टी से नहीं निकाला है, न हीं सचिन पायलट ने अभी तक पार्टी छोड़ने की बात की है.
सबसे बड़ी बात ये है कि सचिन पायलट के गुट से कांग्रेस ने सवाल किया है कि उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन क्यों किया. जिन विधायकों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया उन्हें 2 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा अन्यथा पार्टी उनकी सदस्यता के विषय में कोई कठोर कार्रवाई कर सकती है.