नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ सूबे में सियासी बिसात पर शह और मात का खेल भी शुरू हो गया है. फिलहाल ताजा और बड़ा झटका लालू यादव की आरजेडी को लगा है. जिसके बाद लालू के 'लाल' तेजस्वी यादव ने आरजेडी का हाल बयां किया है.
तेजस्वी यादव ने RJD में टूट पर दी प्रतिक्रिया
RJD को ठुकराकर JD(U) में शामिल होने वाले लालू खेमे के 5 बागी MLC के मसले पर तेजस्वी यादव ने अपने दिल का हाल बयां किया है, मीडिया के सवालों पर तेजस्वी ने बोला, "कहने को कुछ नहीं है. उन लोगों को शुभकामनाएं जिन्होंने छोड़ दिया. नीतीश जी ने रचनात्मक काम किया है लेकिन उस रचनात्मक काम से उन्हें ही फायदा हो सकता है. बीते दिन की घटना उन्हें व्यक्तिगत लाभ पहुंचा सकती है, लेकिन बिहार के लोगों को कुछ नहीं."
There's nothing to say. Best wishes to those who left. Nitish ji has done constructive work but that constructive work can benefit only him. Y'day's incident can bring him personal benefit but nothing to the people of Bihar: Tejashwi Yadav,RJD on 5 MLCs of the party joining JD(U) pic.twitter.com/fyJtbGQljm
— ANI (@ANI) June 24, 2020
साथ ही लालू के छोटे लाल ने ये भी कहा कि चुनाव के दौरान लोग आते-जाते हैं. एक चुनाव का नाम बताइए जहां लोग नहीं आए और गए. यह चुनावी मौसम है और सरकार अपने शासन को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रही है. कुछ दिन पहले जद(यू) एमएलसी हमारे पास आए थे, इसलिए ये बातें चलती हैं.
During election people come and go. Name one election where people had not come and gone. This is election season and the govt is trying to keep their governance safe...A few days back JD(U) MLC had come to us, so these things go on: Tejashwi Yadav, RJD https://t.co/fUT9UK5n9M
— ANI (@ANI) June 24, 2020
मंगलवार को आरजेडी के पांच विधान पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और जेडीयू में शामिल हो गए, जिसके बाद विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के पद पर संकट का बादल मंडराने लगा है. ऐसे में लालू की अर्धांगिनी राबड़ी देवी के लिए अपना पद बचा पाना बेहद ही मुश्किल होता दिखाई दे रहा है.
बिहार विधान परिषद की सीटों का गणित
आपको बता दें, बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य होते हैं. ऐसे में पहले विधान परिषद में RJD MLC की संख्या 8 थी, लेकिन मंगलवार को हुए कांड में जैसे ही 5 विधान पार्षदों ने इस्तीफा दिया और JD(U) का दामन थामा आरजेडी अब सिर्फ 3 MLC वाली पार्टी रह गई.
आपको बता दें कि 75 सदस्यीय बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए पार्टी के पार कम से कम 8 सदस्यों का होना अनिवार्य है. हालांकि आने वाले 6 जुलाई को बिहार विधान परिषद में खाली हुई सीटों के लिए इलेक्शन होना है. ऐसे में इस चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती आरजेडी की होगी. क्योंकि 9 सीटों पर होने वाले चुनाव के परिणाम की बात करें तो ये सीटें लगभग तय मानी जा रही है.
इस फॉर्मूले से चली जाएगी राबड़ी की 'कुर्सी'!
अगर सीटों के फॉर्मूले की बात करें तो इन 9 सीटों में से 3-3 सीटें RJD और जेडीयू के खाते में जानी लगभग तय है और वहीं बाकी की दो सीट भाजपा के खेमे में और 1 सीट कांग्रेस के पास जाती दिख रही हैं. अब आप गणित समझिए.. यदि तीन सीट पर आरजेडी कब्जा कर भी लेती है तो राबड़ी देवी की कुर्सी छिननी लगभग तय है. क्योंकि 3+3=6
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यदि बिहार विधान परिषद के चुनावी नतीजे ऐसे रहते हैं, तो ये कहना गलत नहीं होगा कि राबड़ी देवी के लिए नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी बचा पाना असंभव हो जाएगा. अब जेडीयू आरजेडी पर तंज कस रही है. मंगलवार का दिन आरजेडी के लिए अमंगल साबित हुआ. जहां एक तरफ 5 MLC ने तो पार्टी को अलविदा कह दिया तो RJD के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी पार्टी उपाध्यक्ष के पद से अपना इस्तीफा दे दिया. हालांकि, रघुवंश प्रसाद ने अभी पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है.
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