आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त पर भी विपक्ष की राजनीति, लगाया गंभीर आरोप

विशेष आर्थिक पैकेज में वित्तमंत्री ने किसानों, प्रवासी मज़दूरों, रेहड़ी वालों, छोटे कारोबारियों और मिडिल क्लास के लिए कई राहत भरी घोषणाएं की तो विपक्ष उनमें खामिया निकालते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 15, 2020, 06:59 AM IST
    • कांग्रेस और CPM ने दूसरी किश्त पर भी उठाया सवाल
    • तो क्या किसानों के मुद्दे को भुना रही है विपक्ष?
    • प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने लिया कौन सा फैसला?
आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त पर भी विपक्ष की राजनीति, लगाया गंभीर आरोप

नई दिल्ली: कोरोना संकट काल में सरकार की तरफ से जारी आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त के ऐलान पर विपक्ष की राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस और सीपीएम ने घोषणाओं में खामिया निकालते हुए सवाल उठाये हैं.

कांग्रेस और CPM ने दूसरी किश्त पर भी उठाया सवाल

कोरोना संकट काल में सरकार की तरफ से  जारी आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त के ऐलान पर कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी प्रेस कान्फ्रेंस कर के घोषणाओं में खामिया बताई. वहीं सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी कहा कि राहत से किसानों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.

ऐसा पहली बार नहीं है जब राहत पैकेज के ऐलान पर सियासत गरमा गई हो. विपक्ष ने जिस दिन प्रधानमंत्री ने इस विशेष आर्थिक पैकेज की जानकारी दी थी, उसी वक्त से विपक्ष ने अपनी कमर कस ली थी और राजनीति का मूड बना लिया था. पहली किश्त के ऐलान पर भी ममता और कांग्रेस ने अपना दर्द बयां किया था.

तो क्या किसानों के मुद्दे को भुना रही है विपक्ष?

अब आपको विस्तार से बताते हैं कि राहत पैकेज में किसानों को क्या मिला. 3 करोड़ किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड का ऐलान हुआ है. जो नाबार्ड को मिलने वाले 90 हजार करोड़ से अतिरिक्त होगा. इसके तहत 2.5 करोड़ किसानों को रियायती दर पर 2 लाख करोड़ रुपए का लोन और छोटे किसानों को रियायती दरों पर 4 लाख करोड़ का लोन दिया जाएगा. जिसके ब्याज पर 31 मई तक छूट भी रहेगी.

इसके अलावा मछुआरों और पशुपालन करने वालों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से मदद दी जाएगी. जबकि 6 हज़ार करोड़ के कैंपा फंड के जरिए पौधरोपण और हरियाली को बढ़ावा दिया जाएगा.

प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने लिया कौन सा फैसला?

सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 3500 करोड़ की मदद का ऐलान किया है. अगले 2 महीने तक हर मज़दूर को 5 किलो गेहूं या चावल मिलेंगे. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी इस सुविधा का लाभ दिया जाएगा.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब देश में ठेली पटरी पर दुकान चलाने वाले 10 हजार रूपये का लोन ले सकेंगे. इसका फायदा देश के 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को होगा.

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आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त में मिडिल क्लास को लाभ देने के लिए भी अहम ऐलान किए. मिडल इनकम ग्रुप, जिनकी सालाना आय 6 लाख से 18 लाख रुपए के बीच है. इसके लिए सरकार ने 70 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज दिया है. उनके लिए अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम का फायदा मार्च 2021 तक बढ़ाया जा रहा है. पहले ये योजना मार्च 2020 में खत्म हो रही थी. शहरी गरीबों को सस्ते किराये के घर के लिए भी सरकार ने रेंटल हाउसिंग स्कीम का ऐलान किया है.

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