भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस को मात्र 15 महीने में ही सत्ता गंवानी पड़ी गयी. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की बगावत के कारण कमलनाथ को कुर्सी गंवानी पड़ी थी. कांग्रेस के लिए 28 सीटों पर होने जा रहे ये उपचुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कमलनाथ की कांग्रेस के भीतर राजनीतिक प्रासंगिकता और वर्चस्व भी साबित होगा.
दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी ये साबित करना होगा कि कांग्रेस ने उन्हें दरकिनार करके मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक राजनीतिक गलती की है.
सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू
आपको बता दें कि सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती की शुरू हो गयी है. नतीजे तय करेंगे कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार बचेगी या कमलनाथ की सरकार आएगी. हालांकि अनेक एग्जिट पोल भाजपा की सत्ता बरकरार रहने की भविष्यवाणी कर रहे हैं क्योंकि कमलनाथ की राह बहुत मुश्किल है. कुछ एक्जिट पोल में बीजेपी को 16 से 18 सीट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है तो वहीं कांग्रेस को 10 से 12 सीट मिलने का अनुमान है.
मध्यप्रदेश विधानसभा में मजबूत है BJP
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं. हाल ही में दमोह से विधायक राहुल सिंह के इस्तीफे के बाद फिलहाल अब जब बहुमत साबित करने की बारी आएगी तो 229 सीटों के हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 115 रहेगा. बीजेपी के पास अभी 107 विधायक हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस के पास 87 विधायक हैं.
शिवराज सिंह चौहान की सरकार बरकरार रहने के लिए भाजपा को केवल 8 सीटों की जरूरत है जबकि कांग्रेस को सभी 28 सीटें जितनी पड़ेंगी जो बहुत मुश्किल दिख रहा है.
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