UP Politics: सियासी वजूद बचाने के लिए के लिए Asaduddin Owaisi से हाथ मिलाएंगी Mayawati?

अब 2022 में अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए BSP सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) कोई नया गठबंधन साथी खोज रही हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 13, 2020, 05:00 AM IST
  • बिहार में साथ चुनाव लड़ी थी BSP और AIMIM
  • ओवैसी की पार्टी ने मायावती की जमकर सराहना की
  • मुस्लिम दलित गठजोड़ के जुगाड़ में ओवैसी
UP Politics: सियासी वजूद बचाने के लिए के लिए Asaduddin Owaisi से हाथ मिलाएंगी Mayawati?

लखनऊ: उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh) में 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में BJP की ऐतिहासिक लहर के आगे सपा, बसपा, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल धराशाई हो गए थे.

अब 2022 में अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए BSP सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) कोई नया गठबंधन साथी खोज रही हैं. AIMIM के साथ उनकी करीबियां भी बढ़ रही हैं तो राजनीतिक गलियारों में BSP के असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन करने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है.

बिहार में साथ चुनाव लड़ी थी BSP और AIMIM

उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में बीएसपी प्रमुख मायावती (Mayawati) और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) मिलकर भले ही कोई बड़ा करिश्मा न दिखा सके हों, लेकिन आधा दर्जन सीटें जीतने में जरूर कामयाब रहे हैं. इसके बाद से उत्तरप्रदेश में भी उनके गठबंधन करने की अटकलें तेज हो गयी हैं. AIMIM की उत्तरप्रदेश इकाई के अध्यक्ष ने मायावती के साथ गठबंधन करने के संकेत भी दिए हैं.

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ओवैसी की पार्टी ने मायावती की जमकर सराहना की

AIMIM के यूपी अध्यक्ष शौकत अली (Shaukat Ali)  ने कहा कि यूपी में ओवैसी-मायावती (Ovaisi- Mayawati) मिलकर ही BJP को दोबारा सत्ता में आने से रोक सकते हैं. इसके अलावा एसपी, बीएसपी और कांग्रेस कोई भी अकेले बीजेपी को नहीं रोक सकती है. शौकत अली ने कहा कि यूपी में दलित और मुस्लिम (Dalit and Muslims) दोनों समुदाय की समस्या एक जैसी ही है और आबादी भी तकरीबन बराबर है.

मुस्लिम दलित गठजोड़ के जुगाड़ में ओवैसी

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश की राजनीति में मुसलमानों और दलितों की भूमिका अहम रहती है. मुसलमान वोटर्स हमेशा समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) के प्रमुख वोटर माने जाते रहे हैं लेकिन जो हाल बिहार में हुआ है उससे AIMIM को कोई भी पार्टी हल्के में लेने की हिम्मत नहीं कर सकती. यूपी में करीब 21 फीसदी दलित और 20 फीसदी मुस्लिम हैं. यही देखकर मायावती असदुद्दीन ओवैसी के साथ चुनाव लड़ने का मन बना सकती हैं.

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